सीएम योगी ने प्रदेश के प्राइमरी स्कूलों में काम करने वाले रसोइयों और अनुदेशकों को बड़ी सौगात दी। आज लखनऊ में आयोजित रसोइयों और अनुदेशकों के सम्मेलन में उनके लिए बढ़े हुए मानदेय का ऐलान किया। अंशकालिक अनुदेशकों का मानदेय दो हजार रुपए बढ़ाया गया है। जबकि रसोइयों के मानदेय में 500 रुपए की बढ़ोत्तरी हुई है। रसोइयों को साल में दो साड़ियां भी मिलेंगी। इसे अलावा हर रोसाइये को 5 लाख का स्वास्थ्य बीमा भी उपलब्ध कराया जाएगा।
लखनऊ: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi adityanath) ने बुधवार को रसोइयों और अनुदेशकों का मानदेय बढ़ाने की घोषणा की है। लखनऊ में बेसिक शिक्षा विभाग (Basic education department) में कार्यरत रसोइयों और अंशकालिक अनुदेशकों को संबोधित करते हुए सीएम योगी ने इसकी घोषणा की। मुख्यमंत्री ने अनुदेशकों का मानदेय 2000 रुपये और रसोइयों का मानदेय 500 रुपये बढ़ाने का ऐलान किया है। इसके अलावा रसोइयों को साल में दो साड़ियां दी जाएंगी।
मुख्यमंत्री ने कहा, ‘जितने भी रसोइया हैं उन्हें बेसिक शिक्षा परिषद की तरफ से 2 साड़ी देंगे। एप्रन और हेयर कैप का पैसा रसोइयों के खाते में देने की व्यवस्था परिषद करेगा। हर रसोइया को 5 लाख के स्वास्थ्य बीमा से जोड़ेंगे। रसोइया के अतिरिक्त मानदेय को 500 रुपये बढ़ाया जाएगा।’
लंबे समय से मानदेय बढ़ाने की कर रहे थे मांग
लंबे समय से रसोइया और अनुदेशक अपना मानदेय बढ़ाने की मांग कर रहे थे। मानदेय बढ़ाने की घोषणा के बाद मुख्यमंत्री ने कहा कि बीते साढ़े चार वर्षों में बेसिक शिक्षा विभाग और अनेक विभागों में हुए परिवर्तन ने प्रदेश के प्रति लोगों की धारणाएं बदली हैं। यह एक व्यक्ति का नहीं, बल्कि सामूहिक प्रयास का फल है। आपके सहयोग के बिना परिषद में यह परिवर्तन हो पाना अत्यंत दुर्लभ होता।
उन्होंने कहा कि पिछले 20-22 महीनों को छोड़ दे तो यूपी के बेसिक शिक्षा परिषद के स्कूलों में 54 लाख बच्चे पढ़े हैं। ये 54 लाख बच्चे बेसिक शिक्षा विभाग के स्कूलों में ऐसे ही नहीं पढ़े हैं। उसके पीछे शिक्षकों, रसोइयों और अच्छा और गर्म खाना खिलाने वाले रसोइयों का योगदान है। सबने सहयोग किया तो ये चीजें आगे बढ़ीं। ऑपरेशन कायाकल्प का उल्लेख करते हुए सीएम ने कहा कि इसके जरिए लोगों के सहयोग से हम स्कूलों का विकास कर रहे हैं। पुरातन छात्र परिषद के गठन की प्रक्रिया आगे बढ़ी। बेसिक शिक्षा परिषद के अधिकारियों से एक-एक विद्यालय घूमने को कहा। परिणाम स्वरूप 1.56 लाख विद्यालयों में से 1.30 लाख विद्यालयों का कायाकल्प हो गया।
सीएम ने कहा कि 2017 के पहले 75 प्रतिशत बालिकाएं और 40 प्रतिशत बच्चे नंगे पैर विद्यालयों को जाते थे। यूनिफार्म सही नहीं थी। हमने बच्चों को दो अच्छी यूनिफार्म, बैग, स्वेटर, कॉपी-किताब के साथ जूता-मोजा भी देना शुरू किया। कोरोना काल में दिक्कत आई तो डायरेक्ट ट्रांसफर कर 11 सौ रुपए सीधे अभिभावकों के खाते में पैसा भेजा। जो आरोप-प्रत्यारोप लगते थे वे बंद हो गए। सीएम ने बताया कि शिक्षकों की नियुक्ति प्रक्रिया को भी आगे बढ़ाया गया। रसोइयों को ग्राम प्रधान जबरन निकाल देते थे। उस पर रोक लगाई गई। उन्हें सुरक्षा कवर दिया गया।
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