मथुरा में पाँच साल पहले हुए जवाहर बाग़ हिंसा में 27 उपद्रवियों सहित 29 लोगों की जान गई थी। हिंसा के मुख्य आरोपी रामवृक्ष यादव की मौत एक पहली बनी हुई है। सीबीआई ने रामवृक्ष की मौत की पुष्टि कर चुकी है जबकि एसीजेएम ने रामवृक्ष के खिलाफ़ गैर जमानती वारंट जारी किया है। वहीं मुख्यारोपी के बेटे ने भी अपने पिता की मृत्यु का सर्टिफिकेट माँगा है।
मथुरा: यूपी के मथुरा में पाँच साल पहले हुए जवाहर बाग़ हिंसा में 27 उपद्रवियों सहित 29 लोगों की जान गई थी। हिंसा के मुख्य आरोपी रामवृक्ष यादव की मौत एक पहली बनी हुई है। सीबीआई ने रामवृक्ष की मौत की पुष्टि कर चुकी है जबकि एसीजेएम ने रामवृक्ष के खिलाफ़ गैर जमानती वारंट जारी किया है। वहीं मुख्यारोपी के बेटे ने भी अपने पिता की मृत्यु का सर्टिफिकेट माँगा है।
आरोपी पक्ष के अधिवक्ता एलके गौतम ने बताया कि कोर्ट के समक्ष रामवृक्ष की मौत की पुष्टि होने के साक्ष्य सीबीआई या पुलिस नहीं पेश कर पाई है। वही एसीजेएम के द्वारा रामवृक्ष के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किए गए हैं। बता दें कि दो जून वर्ष 2016 में जवाहर बाग में हुई हिंसा में 27 उपद्रवियों सहित दो पुलिस अधिकारियों की मौत हुई थी। वर्ष 2019 में सीबीआई के द्वारा की जा रही जांच में यह खुलासा किया गया था की रामवृक्ष की मौत हो चुकी है। लेकिन अभी तक रामवृक्ष की मौत की पुष्टि ना होने के कारण रामवृक्ष की मौत एक रहस्य बनी हुई है। आरोपी पक्ष के वकील एलके गौतम ने जानकारी देते हुए बताया कि सीबीआई के द्वारा जो रिपोर्ट दी गई है उसमें न्यायालय के समक्ष जो साक्ष्य पेश किए गए हैं। ऐसा कोई कागज नहीं है जिससे यह पुष्टि हो सके कि रामवृक्ष की मौत हो गई है। उन्होंने कहा कि रामवृक्ष को हिंसा वाले दिन पुलिस के अधिकारी जीप में डालकर ले गए थे और उसके बाद से उसका कहीं भी पता नहीं चला हो सकता है कि उसकी हत्या कर दी गई हो। दूसरी तरफ हाई कोर्ट के द्वारा रामवृक्ष के बेटे की अपील पर रामवृक्ष का मृत्यु प्रमाण पत्र जारी करने के निर्देश दिए गए हैं हालांकि इस मामले में अभी तक रामबृक्ष यादव का म्रत्यु प्रमाणपत्र जारी नहीं किया गया है।