एशियानेट टीम ने इस मामले को जानने के लिए बीएचयू के दो प्रोफेसरों से इसकी जानकारी लेने का प्रयास किया । बीएचयू के इतिहास विभाग की प्रोफेसर विंदा परांजपे ने बताया कि ज्ञानवापी में जिस तरह से कथित शिवलिंग मिला है । वह शिवलिंग है इससे इनकार नहीं किया जा सकता ।
वाराणसी: काशी में ज्ञानवापी मामले में सर्वे के बाद हिंदू पक्ष का दावा है कि शिवलिंग प्राप्त हुआ है, वही मुस्लिम पक्ष का दावा है कि वह फुहारा है इन दोनों तर्कों को लेकर सभी के मन में काफी संशय है और दोनों पक्षों में अपने-अपने तर्क से साथ बहस भी छिड़ा है। एशियानेट टीम ने इस मामले को जानने के लिए बीएचयू के दो प्रोफेसरों से इसकी जानकारी लेने का प्रयास किया । बीएचयू के इतिहास विभाग की प्रोफेसर विंदा परांजपे ने बताया कि ज्ञानवापी में जिस तरह से कथित शिवलिंग मिला है । वह शिवलिंग है इससे इनकार नहीं किया जा सकता।
वहीं दूसरी इतिहास की ही प्रोफेसर अनुराधा सिंह ने बताया कि स्कंद पुराण में काशी के कई महाशिव लिंग का जिक्र मिलता है ऐसे में हिंदू पक्ष जैसा दावा कर रहा है कि 12 फीट से ज्यादा ऊंची शिवलिंग है तो असंभव है बाकी इसकी सच्चाई जानने के लिए पुरातत्व सर्वेक्षण और कार्बन डेटिंग के जरिए इसकी प्राचीनता का पता सही तौर पर लगाया जा सकता है।