नवरात्रि के प्रथम दिन मां शैलपुत्री की पूजा होती है। शैलीपुत्री हिमालय की पुत्री हैं। इसी वजह से मां के इस स्वरूप को शैलपुत्री कहा जाता है। इनकी आराधना से हम सभी मनोवांछित फल प्राप्त कर सकते हैं। मां शैलपुत्री का प्रसन्न करने के लिए यह ध्यान मंत्र जपना चाहिए। इसके प्रभाव से माता जल्दी ही प्रसन्न होती हैं और भक्त की सभी कामनाएं पूर्ण करती हैं।
वाराणसी: चैत्र नवरात्रि पर आज कलश स्थापना के साथ ही शक्ति की आराधना का महापर्व आरंभ हो गया। शिव की नगरी काशी में अलसुबह से ही पूजापाठ का सिलसिला जारी है। नवरात्रि की प्रथम आराध्य देवी देवी शैलपुत्री के अलईपुरा स्थित मंदिर और कुष्मांडा माता के दरबार के साथ ही अन्य देवालयों में दर्शन-पूजन के लिए श्रद्धालुओं की कतार लगी है।
इस साल देवी आराधना पूरे नौ दिन की जाएगी क्योंकि नवरात्रि में किसी भी तिथि का क्षय नहीं हो रहा है। मौसम परिवर्तन के समय इन नौ दिनों में व्रत-उपवास करना सेहत के लिए अच्छा रहेगा। काशी विश्वनाथ मंदिर न्यास के पं. दीपक मालवीय ने बताया कि काशी में मां दुर्गा के गौरी स्वरूप के दर्शन पूजन का विधान है। इस बार महाअष्टमी नौ अप्रैल और महानवमी 10 तारीख को मनाई जाएगी।