प्लेन क्रैश से पहले पायलट ने तीन बार बोला मेडे...मेडे...मेडे, जानिए क्या है इसका मतलब

प्लेन क्रैश से पहले पायलट ने तीन बार बोला मेडे...मेडे...मेडे, जानिए क्या है इसका मतलब

Published : May 23, 2020, 05:26 PM ISTUpdated : May 23, 2020, 05:33 PM IST

वीडियो डेस्क। पाकिस्तान इंटरनेशनल एयरलाइन का यात्री विमान शुक्रवार को कराची के जिन्ना एयरपोर्ट के पास क्रैश हो गया। विमान ने लाहौर से उड़ान भरी थी और सिर्फ 1 मिनट बाद कराची एयरपोर्ट पर लैंडिंग करने वाला था। इसी दौरान विमान मॉडेल कॉलोनी जिन्ना गार्डन के पास क्रैश हो गया। इस विमान में 91 यात्री और 8 क्रू मेंबर सवार थे। इस दुर्घटना में 97 लोगों की मौत हो गई।

वीडियो डेस्क। पाकिस्तान इंटरनेशनल एयरलाइन का यात्री विमान शुक्रवार को कराची के जिन्ना एयरपोर्ट के पास क्रैश हो गया। विमान ने लाहौर से उड़ान भरी थी और सिर्फ 1 मिनट बाद कराची एयरपोर्ट पर लैंडिंग करने वाला था। इसी दौरान विमान मॉडेल कॉलोनी जिन्ना गार्डन के पास क्रैश हो गया। इस विमान में 91 यात्री और 8 क्रू मेंबर सवार थे। इस दुर्घटना में 97 लोगों की मौत हो गई।
हादसे के कुछ देर बाद विमान के पायलट सज्जाद गुल की आखिरी डिस्ट्रेस कॉल सामने आई है जिसे सुनकर पता चलता है कि क्रैश से कुछ सेकंड पहले क्या हुआ था। पायलट ने टूटे हुए सिग्नल के बीच कंट्रोल रूम को इंजन खराब होने की जानकारी दी। इस टूटी फूटी आवाज में एक शब्द का इस्तेमाल किया गया था मेडे...मेडे...मेडे.. जिसके बाद प्लैन क्रैश हो गया।  
वीडियो डेस्क। पाकिस्तान इंटरनेशनल एयरलाइन का यात्री विमान शुक्रवार को कराची के जिन्ना एयरपोर्ट के पास क्रैश हो गया। विमान ने लाहौर से उड़ान भरी थी और सिर्फ 1 मिनट बाद कराची एयरपोर्ट पर लैंडिंग करने वाला था। इसी दौरान विमान मॉडेल कॉलोनी जिन्ना गार्डन के पास क्रैश हो गया। इस विमान में 91 यात्री और 8 क्रू मेंबर सवार थे। इस दुर्घटना में 97 लोगों की मौत हो गई।
हादसे के कुछ देर बाद विमान के पायलट सज्जाद गुल की आखिरी डिस्ट्रेस कॉल सामने आई है जिसे सुनकर पता चलता है कि क्रैश से कुछ सेकंड पहले क्या हुआ था। पायलट ने टूटे हुए सिग्नल के बीच कंट्रोल रूम को इंजन खराब होने की जानकारी दी। इस टूटी फूटी आवाज में एक शब्द का इस्तेमाल किया गया था मेडे...मेडे...मेडे.. जिसके बाद प्लैन क्रैश हो गया।  
क्या आप जानते हैं मेडे का मतलब क्या होता है
रेडियो संपर्क के दौरान डिस्ट्रेस कॉल यानी मुसीबत में होने की जानकारी देने के लिए 'Mayday' का इस्तेमाल किया जाता है। यह ऐसी परिस्थिति में इस्तेमाल किया जाता है जब जान को खतरा बन आया हो। अपनी जान को खतरा होने की स्थिति में रेडियो के जरिए तीन बार Mayday बोलकर कंट्रोल रूम को सूचना दी जाती है कि स्थिति खराब है। जिसका मलतब होता है 'मेरी मदद करो।'
कराची क्रैश के केस में भी ऐसी रिपोर्ट्स सामने आई हैं कि प्लेन के लैंडिंग गियर खुल नहीं सके और यह मकानों पर जा गिरा। जिसकी वजह से ये भीषण हादसा हुआ है। 

रेडियो संपर्क के दौरान डिस्ट्रेस कॉल यानी मुसीबत में होने की जानकारी देने के लिए 'Mayday' का इस्तेमाल किया जाता है। यह ऐसी परिस्थिति में इस्तेमाल किया जाता है जब जान को खतरा बन आया हो। अपनी जान को खतरा होने की स्थिति में रेडियो के जरिए तीन बार Mayday बोलकर कंट्रोल रूम को सूचना दी जाती है कि स्थिति खराब है। जिसका मलतब होता है 'मेरी मदद करो।'
कराची क्रैश के केस में भी ऐसी रिपोर्ट्स सामने आई हैं कि प्लेन के लैंडिंग गियर खुल नहीं सके और यह मकानों पर जा गिरा। जिसकी वजह से ये भीषण हादसा हुआ है। 

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