CENTRAL BENGAL : यहां 49 में से 30 सीटें BJP को मिलने के आसार, राजनीतिक हिंसा, बेरोजगारी TMC पर भारी

प बंगाल में जैसे जैसे चुनाव तारीखें नजदीक आ रही हैं, राजनीतिक सरगर्मियां तेज हो गई हैं। ऐसे में जहां भाजपा बंगाल में सत्ता हासिल करने के लिए पूरा जोर लगा रही है, वहीं ममता सत्ता की हैट्रिक लगाने के लिए पुरजोर कोशिश में जुटी हैं। ऐसे में Peoples Pulse ने अपने सर्वे में दावा किया है कि भाजपा इस बार बंगाल में ममता को सत्ता से बेदखल कर सकती है।

कोलकाता. प बंगाल में जैसे जैसे चुनाव तारीखें नजदीक आ रही हैं, राजनीतिक सरगर्मियां तेज हो गई हैं। ऐसे में जहां भाजपा बंगाल में सत्ता हासिल करने के लिए पूरा जोर लगा रही है, वहीं ममता सत्ता की हैट्रिक लगाने के लिए पुरजोर कोशिश में जुटी हैं। ऐसे में Peoples Pulse ने अपने सर्वे में दावा किया है कि भाजपा इस बार बंगाल में ममता को सत्ता से बेदखल कर सकती है।

Peoples Pulse ने सर्वे में प बंगाल की 294 सीटों को 5 भागों में बांटा हैं। ये उत्तरी बंगाल, अल्पसंख्यक बाहुल्य क्षेत्र, मध्य बंगाल, जंगल महल और साउथ महल हैं। हम इस रिपोर्ट में मध्य बंगाल की बात करेंगे।

Latest Videos

मध्य बंगाल में 49 सीटें, भाजपा 30 पर जीतती दिख रही
 




मध्यबंगाल में विधानसभा की 49 सीटें आती हैं। सर्वे में दावा किया गया है कि भाजपा इनमें से 30 पर जीतती दिख रही है। जबकि 11 सीटें टीएमसी को मिलने की संभावनाएं हैं। वहीं, 7 सीटों पर भाजपा और टीएमसी में कड़ा मुकाबला है। एक सीट अन्य के खाते में जाती दिख रही है।  

क्या हैं जातिगत आंकड़े?
इस क्षेत्र में लोकसभा की 7 सीटें कृष्णानगर, रानाघाट, बर्धमानपुरबा, बर्धमान दुर्गापुर, आसनसोल, बोलपुर और बीरभूम आती हैं। नादिया जिले में बंगाली हिंदू शरणार्थी ज्यादा हैं। यहां पूर्वी पाकिस्तान से आने वाले हिंदू शरणार्थी भी हैं। इसके अलावा यहां स्थानीय मुस्लिमों की भी अच्छी खासी संख्या है। बीरभूम क्षेत्र में दो लोकसभा सीटें हैं, जहां मुस्लिम, हिंदू बंगाली, एससी और संथल, मुंडा जैसी जातियां ज्यादा हैं। वहीं, आसनसोल और बर्धमान दुर्गापुर में हिंदी भाषी, हिंदू बंगाली, एससी, मुस्लिम आबादी अधिक है। यहां साफ तौर पर देखा जा सकता है कि हिंदू समुदाय टीएमसी के खिलाफ नजर आ रहा है, जबकि मुस्लिम ममता के साथ खड़ा है। 
 




कौन हैं मुद्दे हैं हावी?

भ्रष्टाचार: इस क्षेत्र में भ्रष्टाचार बड़ी समस्या बनकर उभरी है। खास तौर पर बीरभूम और बर्धमान क्षेत्र में। जहां सिंडिकेट द्वारा समानांतर अर्थव्यवस्था के तौर पर रेत, पत्थर, कोयला, लोहे के स्क्रैप और रेत से संबंधित भ्रष्टाचार फलफूल रहा है। 

 इसी तरह नादिया क्षेत्र में बॉर्डर पार से सोने, दवाइयों और गौवंश की स्मगलिंग बड़ी समस्या है। बंगाल में भ्रष्टाचार की यह समस्या निचले स्तर से ऊपर तक है।

योजनाएं : ममता सरकार ने तमाम योजनाएं शुरू की हैं। इनके बारे में मुस्लिमों को कुछ शिकायत है, हालांकि, उन्हें इनका लाभ मिल रहा है। वहीं, बंगाली हिंदू और हिंदी भाषी और दलितों की शिकायत है कि उन्हें राजनीतिक आधार पर इन योजनाओं के लाभ से दूर रखा जा रहा है।  

रोजगार : नादिया क्षेत्र में रोजगार के प्रमुख स्रोत धान, सब्जी और आम की खेती। इसके अलावा यहां के लोग अन्य राज्यों में भी काम के लिए जाते हैं। इन सबके अलावा यहां बॉर्डर पार से अवैध स्मगलिंग रोजगार का बड़ा साधन है। दूसरी ओर, पूर्वी बर्धमान क्षेत्र किसान अपेक्षाकृत अधिक
समृद्ध हैं, यहां अपेक्षाकृत बेहतर हैं सिंचाई और उत्पादकता की सुविधा है।

राजनीतिक हिंसा : यहां बंगाल के अन्य क्षेत्रों की तरह ही राजनीतिक हिंसाओं की घटनाएं सामने आती हैं। सिंडिकेट आर्थिक और राजनीतिक संसाधनों पर अपनी पकड़ बनाए हुए है। यहां तृणमूल से भाजपा में जाना भी राजनीतिक हिंसाओं की प्रमुख वजहों में से एक है। 

NRC-CAA : नादिया को छोड़ दें तो पूरे मध्य बंगाल में वोटरों को एनआरसी और सीएए के मुद्दे से फर्क नहीं पड़ता, चाहें वे हिंदू हों या मुस्लिम। यहां मुख्य मुद्दा भ्रष्टाचार और राजनीति हिंसा का है। 

हिंदुत्व :  एक राजनीतिक परियोजना के तौर पर हिंदुत्व के प्रति आत्मीयता बढ़ रही है। नादिया की बात करें तो यहां लोगों में यह धारणा है कि टीएमसी और मुस्लिम मिल कर काम करते हैं और संसाधनों से हिंदुओं को दूर करते हैं। यह धारणा हिंदी भाषी, और बंगाली हिंदुओं समेत सभी समुदायों में एक जैसी है।  

क्या है राजनीति पार्टियों की स्थिति? 

भाजपा- संगठनात्मक तौर पर कमजोर। स्थानीय नेतृत्व की कमी। इसके बावजूद तृणमूल विरोधी भावनाओं का लाभ मिल रहा। 

टीएमसी - अलोकप्रिय पार्टी मुख्य तौर से भ्रष्टाचार , बेरोजगारी और विपक्षी पार्टियों के खिलाफ राजनीतिक हिंसा की वजह से। 

सीपीएम- पार्टी की छवि में सुधार हुआ है। लेकिन लोग इस चुनाव में पार्टी को महत्व नहीं दे रहे हैं।

कांग्रेस : चुनाव में वरीयता नहीं दे रहे लोग।

Share this article
click me!

Latest Videos

Maharashtra Election 2024: 'कटेंगे-बटेंगे' के खिलाफ बीजेपी में ही उठने लगे सवाल। Pankaja Munde
CM योगी आदित्यनाथ ने गिना दिया बंटने से अब तक क्या-क्या हुआ नुकसान #Shorts
'कांग्रेस को हिंदू भावनाओं की चिंता नहीं' क्या CM Yogi के इन सवालों का मिलेगा जवाब #Shorts
डोनाल्ड ट्रंप की कैबिनेट में हो सकते हैं 3 NRI, एक भारतीय महिला को मिली बड़ी जिम्मेदारी
SDM थप्पड़ कांड और बवाल, फरार नरेश मीणा आ गए सामने, जानें क्या कहा । Naresh Meena । Deoli Uniara