चाइनीज फर्मों की मदद, 400 चार्टर्ड एकाउंटेंट और कंपनी सेक्रेटरी की होगी जांच, रडार पर हैं चीन की शेल कंपनियां

Published : Jun 19, 2022, 02:53 PM IST
चाइनीज फर्मों की मदद, 400 चार्टर्ड एकाउंटेंट और कंपनी सेक्रेटरी की होगी जांच, रडार पर हैं चीन की शेल कंपनियां

सार

चीनी फर्मों की मदद के लिए 400 चार्टर्ड एकाउंटेंट और कंपनी सक्रेटरी जांच के दायरे में हैं। इन पर नियमों का उल्लंघन करके चीनी कंपनियों की मदद का आरोप है।   

नई दिल्ली. केंद्र सरकार ने करीब 400 चार्टर्ड एकाउंटेंट और कंपनी सक्रेटरी के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की सिफारिश की है। सूत्रों की मानें तो कारपोरेट मामलों के मंत्रालय की ओर से पिछले दो महीनों में वित्तीय खुफिया एजेंसियों से मिले इनपुट के आधार पर यह सिफारिश की है। रिपोर्ट्स की मानें तो जिन सीए और सीएस पर कार्रवाई की बात की जा रही है, उन्होंने नियम कानून का पालन नहीं किया। मनमाने तरीके से देश के प्रमुख शहरों में चीन की शेल कंपनियों को मदद पहुंचाई। चीनी स्वामित्व वाली इन शेल कंपनियां वित्तीय खुफिया एजेंसियों के रडार पर हैं। 

इन पर आरोप है कि उन्होंने कथित तौर पर मानदंडों की धज्जियां उड़ाकर महानगरीय शहरों में चीनी मुखौटा कंपनियों को फायदा पहुंचाने में भूमिका निभाई। हालांकि सरकार द्वारा शुरू किए गए विभिन्न नियामक उपायों के कारण चीनी कंपनियों से प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) पिछले दो वर्षों में शून्य हो गया है। दोनों देशों के बीच व्यापार पिछले साल $125 बिलियन का रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया। उद्योग और आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (DPIIT) के अनुसार अप्रैल-जून 2020 में चीन से FDI पिछले 20 वर्षों में ₹15,422 करोड़ था। जबकि 2022 की पहली तिमाही में यह घटकर मात्र ₹12,622 करोड़ हो गया।  

देश के चार्टर्ड एकाउंटेंट्स के पेशे को नियंत्रित करने वाले वैधानिक निकाय भारतीय चार्टर्ड एकाउंटेंट्स संस्थान (आईसीएआई) ने एक बयान में कहा कि शिकायतों को चार्टर्ड एकाउंटेंट्स (पेशेवर और अन्य कदाचार और मामलों के आचरण की जांच की प्रक्रिया) नियम 2007 के संदर्भ में देखा जा रहा है। अभी तक विस्तृत जांच किया जाना है, इसलिए इस पर कोई टिप्पणी करना जल्दबाजी होगी। 

चीनी कंपनियों पर भारतीय कार्रवाई
गलवान में पीएलए के साथ हुई हिंसक झड़प के बाद से भारत-चीन के संबंधों में तनाव है। यही कारण है कि पिछले दो वर्षों में भारत में काम कर रही कई चीनी कंपनियों पर कार्रवाई की है। अप्रैल 2020 में भारत ने यह तय कर दिया कि जिन देशों के साथ भारत की सीमा लगती है, उन देशों से होने वाले प्रत्यक्ष विदेशी निवेश की अनुमति सरकार से लेनी होगी। मई 2020 में कारपोरेट मामलों के मत्रालय ने कहा कि जिनके साथ हम सीमाएं साझा करते हैं कि उनके किसी भी संस्थान आदि को सुरक्षा देने के लिए केंद्र की मंजूरी आवश्यक होगी। अगस्त 2020 में चीन के सस्ते सामानों को लेकर कस्टम ने कड़े नियम बनाए।  

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