न्यूयॉर्क में आयोजित संयुक्त राष्ट्र महासभा यानी UNGA की 77वीं बैठक के दौरान पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने दोस्ती की बात करते हुए कश्मीर का मु्द्दा उछाल दिया। UNGA के एक सेशन में बोलते हुए शरीफ ने कहा कि वे भारत सहित अपने सभी पड़ोसी देश के साथ शांति चाहते हैं।
वर्ल्ड न्यूज. अमेरिका के न्यूयॉर्क में आयोजित संयुक्त राष्ट्र महासभा यानी UNGA की 77वीं बैठक के दौरान पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने दोस्ती की बात करते हुए कश्मीर का मु्द्दा उछाल दिया। UNGA के एक सेशन में बोलते हुए शरीफ ने कहा कि वे भारत सहित अपने सभी पड़ोसी देश के साथ शांति चाहते हैं। लेकिन दक्षिण एशिया में स्थायी शांति और स्थिरता जम्मू-कश्मीर विवाद के न्याय और स्थायी समाधान पर निर्भर करती है। शहबाज ने जोर देकर कहा कि हम पड़ोसी हैं और अब समय आ गया है। इसका चुनाव हमको ही करना है कि हम शांति से रहें या लड़ते रहें। शरीफ ने साफ कहा कि युद्ध कोई विकल्प नहीं है। 1947 के बाद से 3 युद्ध हुए हैं। इसमें दोनों तरफ दुख, गरीबी और बेरोजगारी बढ़ी है।
शहबाज शरीफ (Shehbaz Sharif) ने संयुक्त राष्ट्र महासभा में कश्मीर मुद्दे को उठाने के साथ भारत के खिलाफ और भी दूसरे बयान जारी किए थे। इस पर भारत ने उसकी असलियत सामने ला दी। संयुक्त राष्ट्र में भारत के प्रथम सचिव मिजिटो विनिटो (Mijito Vinito) ने करारा जवाब देते हुए कहा कि शांति और सुरक्षा तब ही होगी, जब सीमा पार से आतंकवाद का खात्मा होगा।
बाढ़ को लेकर भावुक अपील
शरीफ ने पाकिस्तान में आई विनाशकारी बाढ़ का जिक्र करते हुए मदद की गुहार लगाई। शरीफ ने कहा- इसमें 400 बच्चों सहित 1500 से अधिक लोगों की जानें गईं। अब बीमारी और कुपोषण बड़ा खतरा है। बाढ़ से पाकिस्तान में 80 लाख लोग प्रभावित हुए हैं। शरीफ ने शुक्रवार को दुनिया से पाकिस्तान जैसे देशों के साथ किए गए जलवायु अन्याय (climate injustice) को खत्म करने के लिए एक भावुक अपील की। उन्होंने कहा - जो (पाकिस्तान) ग्लोबल वार्मिंग में बहुत कम योगदान देता है और फिर भी इसके सबसे बुरे परिणामों का सामना करता है। शरीफ ने कश्मीर विवाद और अफगानिस्तान जैसे क्षेत्रीय मुद्दों के बारे में भी बात की, लेकिन वह इस साल की अभूतपूर्व बारिश और बाढ़ के कारण हुए कष्टों पर केंद्रित रहे।
शरीफ ने कहा-“मैं आज यहां अपने देश, पाकिस्तान की कहानी बताने के लिए खड़ा हूं, मेरा दिल और दिमाग घर से बाहर नहीं निकल पाया है। हम जिस सदमे से गुजर रहे हैं या देश का चेहरा कैसे बदल गया है, उसे शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता। 40 दिनों और 40 रातों के लिए बाइबिल के अनुपात (biblical proportions) यानी बहुत खराब-शैतानी बाढ़ ने हम पर कहर बरसाया। सदियों के मौसम के रिकॉर्ड को तोड़ दिया। आज भी देश के बड़े हिस्से पानी के नीचे हैं, मानव पीड़ा के सागर में डूबे हुए हैं। जलवायु परिवर्तन के इस ग्राउंड ज़ीरो में महिलाओं और बच्चों सहित 33 मिलियन लोग अब स्वास्थ्य खतरों से हाई रिस्क में हैं, 650,000 महिलाओं ने अस्थायी तिरपाल में बच्चों को जन्म दिया है।"
प्रधान मंत्री ने कहा- पाकिस्तान ने ग्लोबल वार्मिंग के प्रभाव का ऐसा कठोर और विनाशकारी उदाहरण कभी नहीं देखा। पाकिस्तान में जीवन हमेशा के लिए बदल गया है। पाकिस्तान में लोग पूछते हैं- उनके साथ ऐसा क्यों हुआ? संयुक्त राष्ट्र महासचिव के एक अन्य हालिया बयान का हवाला देते हुए शरीफ ने कहा- पाकिस्तान जैसे हॉटस्पॉट 10 सबसे अधिक जलवायु-संवेदनशील देशों की सूची में आते हैं, लेकिन एक प्रतिशत से भी कम ग्रीनहाउस गैसों का उत्सर्जन करते हैं, जो ग्रह को जला रहे हैं।
UNSC में सुधार की दिशा में एक बड़ा कदम
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन के भारत की सलाह को मानते हुए संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ( UN Security Council) में सुधार (reforming) पर जोर देने के कुछ दिनों बाद क्वाड देशों (reforming) ने स्थायी और अस्थायी दोनों श्रेणियों (permanent and non-permanent categories) में 15 सदस्यीय वर्ल्ड बॉडी का विस्तार करने के लिए खुद से कमिटमेंट किया है। संयुक्त राष्ट्र महासभा ( UN General Assembly ) से इतर न्यूयॉर्क में क्वाड विदेश मंत्रियों की बैठक के बाद जारी एक संयुक्त बयान में भी क्षेत्रीय अखंडता का सम्मान करने का आह्वान किया गया। जाहिर तौर पर इसका निशाना चीन था। क्वाड के विदेश मंत्रियों ने कहा, "हम संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की स्थायी और अस्थायी सीटों में विस्तार सहित व्यापक संयुक्त राष्ट्र सुधार एजेंडा को आगे बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। अभी इसमें भारत, जापान, ऑस्ट्रेलिया और संयुक्त राज्य अमेरिका शामिल हैं। बैठक में ऑस्ट्रेलिया के विदेश मंत्री पेनी वोंग, भारत के एस जयशंकर, जापान के हयाशी योशिमासा और अमेरिकी विदेश मंत्री टोनी ब्लिंकन ने भाग लिया।
संयुक्त राष्ट्र महासभा के इतर बैठक में मंत्रियों ने कहा कि क्वाड का दृष्टिकोण एक ऐसे क्षेत्र के लिए है, जहां नियम-आधारित अंतरर्राष्ट्रीय व्यवस्था कायम है। जहां स्वतंत्रता के सिद्धांत, कानून का शासन, लोकतांत्रिक मूल्य, विवादों का शांतिपूर्ण समाधान, संप्रभुता, और क्षेत्रीय अखंडता का सम्मान किया जाता है। बैठक से पहले मंत्रियों ने हिंद-प्रशांत के लिए क्वाड मानवीय सहायता और आपदा राहत साझेदारी को शुरू करने के वास्ते दिशानिर्देशों पर हस्ताक्षर किए। क्वाड नेताओं ने इसकी घोषणा मई 2022 में की थी।
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