युद्धग्रस्त अफगानिस्तान में सिखों की ताकत दिखाता है यह झंडा; Taliban ने हटाया था, लेकिन फिर फहराया गया

अफगानिस्तान के ऐतिहासिक गुरुद्वारे( Tahla Sahib) से तालिबान लड़ाकों द्वारा हटाया गया पवित्र निशान यानी झंडा फिर से फहराया दिया गया है।
 

Asianet News Hindi | Published : Aug 7, 2021 8:08 AM IST / Updated: Aug 07 2021, 01:40 PM IST

कंधार. तालिबान की क्रूरता किसी से छुपी नहीं है। अफगानिस्तान इस समय तालिबान की हिंसा का शिकार है। तालिबानी कट्टरपंथियों ने अफगानिस्तान में पख्तिया प्रांत के चमकानी इलाके में स्थित गुरुद्वारा तहला साहिब में लगे झंडे को हटा दिया था। गुरुद्वारे को तहस-नहस भी किया था, जिसे अफगानिस्तानी सरकार ने दुरुस्त करा दिया है। 

जानें पूरा मामला...
अफगानिस्तान (Afghanistan) तालिबानी शासन की ओर बढ़ रहा है और इसी के साथ वहां कट्टरपंथ हावी होता जा रहा है। तालिबानी शासक दूसरे धर्मों पर अत्याचार कर रहे हैं। इसी कड़ी में उन्होंने गुरुद्वारा तहला साहिब पर हमला बोला था। उन्होंने छत से सिख समाज का पवित्र निशान साहिब ध्वज उतरवा दिया था। गुरु नानक देव (Guru Nanak Dev) भी इस गुरुद्वारे में जा चुके हैं। हालांकि अब फिर से गुरुद्वारे को दुरुस्त करा दिया गया है।

लंबे समय से तालिबान के निशाने पर है यह गुरुद्वारा
गुरुद्वारा तहला साहिब लंबे समय से तालिबानियों के निशाने पर रहा है। पिछले साल गुरुद्वारे से निदान सिंह सचेदवा (Nidan Singh Sachdeva) नामक एक शख्स को अगवा कर लिया गया था। बाद में अफगान सरकार और सिख समुदाय के दबाव के बाद 22 जून, 2020 को उसे रिहा करा लिया गया था। बीते साल मार्च में ही काबुल में एक आतंकी हमले में सिख समुदाय के 30 लोगों को मौत के घाट उतार दिया गया था। इस हमले की जिम्मेदारी खूंखार आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट (IS) ने ली थी। लेकिन भारतीय अधिकारियों के अनुसार इस वारदात में हक्कानी नेटवर्क और लश्कर-ए-तैयबा का हाथ था। 

अमेरिका सेना के जाते ही तालिबान का हमला
अफगानिस्तान से अमेरिका और नाटो यानी उत्तरी अटलांटिक सन्धि संगठन (North Atlantic Treaty Organization) की वापसी के साथ ही तालिबान क्रूरता की हदें पार करता जा रहा है। तालिबान धीरे-धीरे हथियारों  के बूते अफगानिस्तान पर कब्जा जमाता जा रहा है। इस बीच बता दें कि संयुक्त राष्ट्र(UN) के दूत देबोरा एलयॉन्स ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय और इस मामले में इस्तक्षेप की मांग की है। वहीं, तालिबान से तत्काल शहरों पर हमले रोकने की मांग करते हुए सुरक्षा परिषद से अनुरोध किया है। बता दें कि तालिबान के आगे अफगानिस्तान की सेना टिक नहीं पा रही है। अकेले शुक्रवार को उसने दो बड़ी घटनाओं को अंजाम दिया।

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