
काबुल. Afghanistna पर कब्जा जमा चुके Taliban के लिए पंजशीर प्रांत एक चुनौती बना हुआ है। इस बीच तालिबान ने दावा किया है कि उसने पंजशीर को जीत लिया है। लेकिन तालिबान विरोधी सैनिकों ने इसे अफवाह बताते हुए कहा कि लड़ाई जारी है। वहीं, अफगानिस्तान के पूर्व उप राष्ट्रपति अमरुल्ला सालेह ने भी तालिबान के दावे को खारिज किया है। उन्होंने BBCWORLD के दिए एक इंटरव्यू में कहा कि प्रतिरोध जारी है और जारी रहेगा। मैं यहां अपनी मिट्टी के साथ, अपनी मिट्टी के लिए और इसकी गरिमा की रक्षा के लिए हूं। सालेह ने तालिबान का समर्थन देने के लिए पाकिस्तान पर भी उंगुली उठाई।
भीषण लड़ाई जारी है
तालिबान के खिलाफ लड़ाई लड़ रहे पंजशीर के सैनिकों के समर्थन में twitter पर Panjshir_Province नाम से एक पेज चलता है। इस पर भीषण लड़ाई के संकेत मिले हैं। इस पर लिखा गया-हमने अपने कुछ सर्वश्रेष्ठ, बहादुर और युवा ताकतों को खो दिया है। हम इससे इनकार नहीं कर सकते। हमारे जवान अफगानिस्तान की आजादी के लिए अपने प्राणों की आहुति देने को तैयार थे और वे कल रात शहीद हो गए।
डेनमार्क नहीं देगा मान्यता
AP न्यूज के अनुसार डेनमार्क तालिबान सरकार को मान्यता नहीं देगा। यह जानकारी विदेश मंत्री जेप्पे कोफोड ने डेनिश ने बताया। बता दें कि पंजशीर प्रांत में अहमद मसूद और सालेह तालिबान के खिलाफ मोर्चा खोले हुए हैं। तालिबान लगातार इनसे बातचीत करके हथियार डालने को कह रहा है, लेकिन बात नहीं बन सकी है।
रायॅटर्स न्यूज एजेंसी से किया पंजशीर पर कब्जे का दावा
पंजशीर पर कब्जे का दावा तालिबान ने न्यूज एजेंसी रॉयटर्स से किया है। उन्होंने कहा कि अब पूरे पंजशीर पर कब्जा हो गया है। इसकी खुशी में तालिबान के लड़ाकों ने हवाई फायर भी किए। एक तालिबानी कमांडर ने कहा कि दिक्कत पैदा करने वालों को तालिबान ने हरा दिया है।
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