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पंजशीर में भीषण युद्ध के बीच अफगान लड़ाके शेयर कर रहे कविताएं, सम्मान के लिए Taliban से लड़ते रहेंगे
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Panjshir_Province नाम से twitter पेज पर शेयर इस तस्वीर में अहमद शाह मसूद(दिवंगत) और उनके बेटे अहमद मसूद दिखाई दे रहे हैं। इसके साथ उर्दू में एक कविता शेयर की गई है।
क्या सिरदर्द है
कितने ऊंचे लोग हैं
वह धूल रास्ता था
मेरा सम्मान
यह कविता कहार असी(Qahar Asi) की है, जो अफगानिस्तान में एक उल्लेखनीय आधुनिक कवि और कृषक थे।
twitter के Panjshir_Province पेज पर इस तस्वीर के साथ अंग्रेजी में एक कविता शेयर की गई है।
The guns are loaded
The hunters are patient
Tonight the moon is lighting
We can see the enemy if they move
We hunt them down
We made a promise to our people, we kill the enemy ... we kill them all
यानी
बंदूकें भरी हुई हैं
शिकारी धैर्यवान हैं
आज रात चांद चमक रहा है
हम दुश्मन को देख सकते हैं अगर वे चलते हैं
हम उनका शिकार करते हैं
हमने अपने लोगों से वादा किया था, हम दुश्मन को मारेंगे ... हम उन सभी को मारेंगे।
यह तस्वीर पंजशीर प्रांत के दारा जिले की है। यहां राष्ट्रीय प्रतिरोध मोर्चा(national resistance front) के युवकों का एक समूह खवाक जिले में अपने साथियों के समर्थन के लिए जाते दिखाई दे रहा है।
इस बीच अफगानिस्तान छोड़ने के बाद अमेरिकी सेना के जनरल मार्क मिल्ले ने तालिबान को एक क्रूर संगठन बताया है। उन्होंने दो टूक कहा कि तालिबान बदलेगा या नहीं, इस बारे में कुछ भी नहीं कहा जा सकता है।
यह तस्वीर तालिबान के खिलाफ पंजशीर में जुटे अफगानी सैनिको की है।
(फोटो क्रेडिट- Ahmad Shel Arman/AFP)
अमेरिकी सेना के जनरल मार्क मिल्ले ने उन सभी अटकलों को खारिज कर दिया, जिसमें कहा जा रहा है कि अमेरिका भविष्य में तालिबान का सहयोग करेगा। उन्होंने कहा कि अभी उनका फोकस ISIS-K पर है।
यह तस्वीर तालिबान के खिलाफ पंजशीर में जुटे अफगानी सैनिको की है।
(फोटो क्रेडिट- Ahmad Shel Arman/AFP)
पंजशीर में तालिबान के खिलाफ लड़ाई के लिए तैयार बैठे अफगानी सैनिक। तालिबान अब जल्द से जल्द पंजशीर पर कब्जा करना चाहता है।
(फोटो क्रेडिट- Ahmad Shel Arman/AFP)