Afghanistan crisis: तालिबान ने किया पंजशीर जीतने का दावा, 30 साल से NRF से जुड़े फहीद दश्ती मारे गए

Afghanistan में सरकार बनने की कवायद में लगे Taliban ने दावा किया है कि उसने पंजशीर जीत लिया है। इस बीच नेशनल रेजिस्टेंस फोर्स(NRF) के पुराने साथी फहीद दश्ती की लड़ाई में मौत हो गई।

Asianet News Hindi | Published : Sep 6, 2021 2:04 AM IST / Updated: Sep 06 2021, 10:41 AM IST

काबुल. Afghanistan में सरकार बनाने की ओर बढ़ रहे Taliban और पंजशीर प्रांत में नेशनल रेजिस्टेंस फोर्स(NRF) के बीच भीषण लड़ाई छिड़ी हुई है। इस बीच तालिबान ने पंजशीर जीतने का दावा किया है। इस्लामिक अमीरात ऑफ अफगानिस्तान( Islamic Emirate of Afghanistan-IEA) के प्रवक्ता  जबीहुल्लाह मुजाहिद ने एक बयान में कहा गया कि भाड़े के दुश्मनों का आखिरी घोंसला यानी पंजशीर पूरी तरह से जीत लिया है। इससे पहले लड़ाई में NRF से पिछले 30 साल से जुड़े फहीम दश्ती की मौत की खबर है। पंजशीर लड़ाकों के twitter पेज Panjshir_Province ने भी इसकी पुष्टि की है। बता दें कि फहीद दश्ती (Fahim Dashty) अहमद मसूद के पिता अहमद शाह मसूद के भी खास थे।2001 में जब अलक़ायदा-तालिबान ने मिलकर नॉर्दन अलायंस के चीफ रहे अहमद शाह मसूद को मार गिराया था, तब फहीम हमले में बाल-बाल बच गए थे।

यह भी पढ़ें-अफगानिस्तान: 15 अगस्त की वह कहानी जिसके बाद तालिबान के खिलाफ तैयार हो गई एक जाबांज सेना

NRF की आवाज कहे जाते थे फहीम
फहीम दश्ती NRF के प्रवक्ता थे। वे दुनिया के सामने तालिबान को लेकर अपनी बात रखते थे। माना जा रहा है कि पंजशीर में NRF अब कमजोर पड़ता जा रहा है। इसकी वजह तालिबान को पाकिस्तान की आर्मी का साथ होना एक बड़ा कारण है। तालिबान के इस हमले में जनरल अब्दुल वुदूद के मारे जाने की भी खबर है। NRF ने tweet करके लिखा कि दमन और आक्रमण के खिलाफ जारी पवित्र लड़ाई में उसने अपने दो साथी खो दिए। वुदूद अहमद शाह मसूद के भतीजे थे।

यह भी पढ़ें-Afghanistan में नई सरकार बनने के बाद Pakistan का क्या होगा, Taliban के साथ उसके कैसे संबंध हैं?

पहले भी मौत के मुंह से बचकर निकले थे
9/11 हमले के दो दिन बाद एक आतंकी हमले में अहमद शाह मसूद की मौत हो गई थी। उस वक्त फहीद दश्ती उनके साथ थे। इस हमले में वे 90 प्रतिशत तक जल गए थे। बता दें कि फहीम दश्ती 7-8 साल की उम्र में नॉर्दन अलायंस के चीफ रहे अहमद शाह मसूद से एक शादी समारोह में मिले थे। 1980 के दशक में जब अहमद शाह मसूद के नेतृत्व में सोवियत संघ के खिलाफ मुजाहिदीन की लड़ाई हुई, तब दश्ती ने 1990 में नॉर्दन अलायंस ज्वॉइन कर लिया था। इस बीच अफगानिस्तान के पत्रकार बिलाल सरवरी ने दावा किया है कि गनी सरकार में उपराष्ट्रपति रहे अमरुल्ला सालेह के घर पर हेलिकॉप्टर से हमला हुआ है। इसके बाद सालेह पंजशीर में किसी अज्ञात जगह पर छुप गए हैं।

यह भी पढ़ें-अफगानिस्तान गृह युद्ध की ओर, Al Qaeda-ISIS हो रहे सक्रिय, Taliban और सहयोगियों में शुरू हुई वर्चस्व की जंग

मसूद ने फिर बातचीत का प्रस्ताव रखा
इस बीच अहमद मसूद ने तालिबान से फिर बातचीत का प्रस्ताव रखा है। मसूद ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट के जरिये कहा कि वे बातचीत के जरिये समस्या का हल चाहते हैं, ताकि पंजशीर में कम से कम नुकसान हो। हालांकि NRF के विदेशी मामलों के प्रमुख अली मैसम नजारी अपने दो यौद्धाओं की मौत के बाद तालिबान से बदला लेने की बात कह रहे हैं। नजारी ने tweet करके लिखा कि तालिबान जो कर रहा है, उससे सामाजिक खाई और गहरी हो जाएगी। वहीं, तालिबान ने बातचीत सफल नहीं होने के लिए NRF को ही जिम्मेदार बताया है।

Share this article
click me!