Afghanistan में media को हुक्म: सरकार के खिलाफ नहीं होगी रिपोर्टिंग, Taliban शासन में 70% मीडियाकर्मी jobless

अफगानिस्तान में तालिबान ने 15 अगस्त 2021 को पूर्ण रूप से कब्जा जमा लिया था। इसके लिए तालिबान ने सरकार के खिलाफ बंदूकों के बल पर लड़ाई लड़ते हुए न केवल अमेरिकी सैनिकों को जल्द से जल्द वापस होने पर मजबूर किया बल्कि राष्ट्रपति गनी को भी रातों रात देश छोड़कर भागना पड़ा था।

काबुल। अफगानिस्तान (Afghanistan) पर तालिबानी (Taliban) कब्जे के बाद वहां की स्थितियां बेहद खराब हो ही गई थीं। महिलाओं का जीवन सबसे नारकीय हो चुका था। अब यहां मीडिया पर भी बैन लगा दिया गया है। तालिबान ने हुक्म दिया है कि सरकार के खिलाफ कोई रिपोर्टिंग न हो। मीडिया हाउसस को तालिबान ने आदेश जारी कर कहा है कि तालिबान प्रशासन के खिलाफ एक भी खबर न आने पाए। तालिबान के सत्ता में आते ही महिला पत्रकारों को बुर्का पहनने और घरों में रहने की सलाह दी गई थी। यही नहीं पूरे देश में महिला कर्मचारियों की नौकरियां छीन ली गई थी।

पत्रकार सुरक्षा समिति की रिपोर्ट में प्रतिबंध होने की बात

Latest Videos

अफगानिस्तान पत्रकार सुरक्षा समिति (एजेएससी) ने अपनी एक रिपोर्ट में दावा किया है कि बदख्शान प्रांत में तालिबानी अधिकारियों ने आदेश जारी किया है कि किसी भी मीडिया या समाचार एजेंसी को तालिबान प्रशासन के हितों के खिलाफ कुछ भी प्रकाशित करने की अनुमति नहीं है। अगर कोई खिलाफत वाली खबरें प्रकाशित करता या दिखाता है तो उसका अंजाम भुगतेगा।

महिलाओं को रिपोर्टिंग की इजाजत नहीं

सूचना एवं संस्कृति विभाग के प्रांतीय निदेशक मुइजुद्दीन अहमदी के अनुसार तालिबान प्रशासन का आदेश है कि रिपोर्टिंग के लिए महिलाओं को सार्वजनिक रूप से पेश होने की अनुमति नहीं है। हालांकि, महिलाएं ऑफिस के अंदर रहकर काम करने की इजाजत है। 

एक बार फिर कई ऑफिस बंद हो सकते

अफगानिस्तान में तालिबान सरकार के नैतिकता तथा दुराचार उन्मूलन मंत्रालय द्वारा जारी गाइडलाइन्स पर मीडिया कंपनियों के मालिकों ने चिंता जताई है। मीडिया हाउसेस का मानना है कि इससे तमाम प्रकार के अवरोध आएंगे और वित्तीय संकट का सामना करना पड़ेगा। इसका परिणाम यह होगा कि ऑफिसों को बंद करना होगा। 

पूर्व के शासन में मीडिया कंपनियों की हुई थी काफी दुर्दशा

पूर्व में तालिबान शासन के दौरान मीडिया कंपनियों को प्रतिबंधों की वजह से काफी वित्तीय संकट झेलना पड़ा था। इस वजह से तमाम कंपनियां बंद हो गई या बर्बाद हो गई। एक रिपोर्ट के अनुसार पूर्व में इस्लामिक अमीरात के शासन के दौरान वित्तीय चुनौतियों और प्रतिबंधों के कारण देश में 257 से अधिक मीडिया आउटलेट्स बंद हो गए थे। बता दें कि इस वक्त अफगानिस्तान में 70 फीसदी मीडिया कर्मी बेरोजगार हो गए हैं। 

Read this also:

Covid-19: Omicron कितना खतरनाक? 2 सप्ताह में आएगा रिजल्ट, US response team का सुझाव-बूस्टर डोज जल्द लगवाएं

NITI Aayog: Bihar-Jharkhand-UP में सबसे अधिक गरीबी, सबसे कम गरीब लोग Kerala, देखें लिस्ट

Share this article
click me!

Latest Videos

'ये सरकार ने जान बूझकर...' संभल में बवाल पर अखिलेश का सबसे बड़ा दावा, कर देगा हैरान
संभल जामा मस्जिद: क्यों उग्र हो गई भीड़, हालात हुए तनावपूर्ण । Sambhal Jama Masjid Dispute
पीएम मोदी ने संसद के शीतकालीन सत्र से पहले मीडिया को संबोधित किया
'चुनाव में उस वक्त ही हार गई थी भाजपा जब...' फिर चर्चा में आई यूपी उपचुनाव की एक घटना #Shorts
राज्यसभा में सभापति जगदीप धनखड़ और मल्लिकार्जुन खड़गे के बीच हुई तीखी बहस