दुनिया का सबसे बड़ा जंगल, अमेज़न, भयानक सूखे की चपेट में है। नदी में पानी कम होता जा रहा है और जंगल में आग लगने की घटनाएँ बढ़ गई हैं, जिससे लोगों और जानवरों का जीवन अस्त-व्यस्त हो गया है।
यह दुनिया की सबसे बड़ी नदी है, लेकिन यहाँ पानी दिन-ब-दिन कम होता जा रहा है। इस नदी के क्षेत्र को दुनिया का फेफड़ा कहा जाता है। नदी के सूखने से यहाँ के लोग और जानवर दोनों मुसीबत में हैं। यह जंगल भारत से भी बड़ा है, और यहाँ के लोग खतरनाक हवा में सांस लेने को मजबूर हैं। पिछले कुछ सालों से लगातार लग रही आग और नदी में घटते पानी ने यहाँ के लोगों को चिंता में डाल दिया है।
हम बात कर रहे हैं अमेज़न के जंगलों की। घने जंगलों की वजह से इसे दुनिया का फेफड़ा कहा जाता है। कहा जाता है कि जब तक अमेज़न के जंगल और नदियाँ जिंदा हैं, तब तक दुनिया में इंसान भी जिंदा रहेंगे। लेकिन अब ब्राजील, जहाँ अमेज़न का जंगल है, भयानक सूखे की चपेट में है। नदी के किनारे बसे लोगों का जीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। पानी की कमी से जानवर मर रहे हैं।
दक्षिण अमेरिका के सबसे बड़े देश ब्राजील में 20 करोड़ से ज़्यादा लोग रहते हैं। अमेज़न के जंगल का 60% हिस्सा ब्राजील में है। यही वजह है कि ब्राजील प्राकृतिक संसाधनों से भरपूर है। लेकिन इतने बड़े जंगल वाले देश में बारिश की कमी हो गई है और 60% इलाका सूखाग्रस्त घोषित हो चुका है। बाँधों में पानी कम होता जा रहा है। अगर बारिश नहीं हुई तो ब्राजील में पीने के पानी का भी संकट खड़ा हो सकता है।
पानी की कमी की वजह से अमेज़न के जंगलों में आग लगने की घटनाएँ बढ़ गई हैं। पिछले दो-तीन सालों में यहाँ 1 लाख से ज़्यादा बार आग लग चुकी है। जंगल के पास बसे साओ पाउलो शहर के लोग प्रदूषित हवा में सांस लेने को मजबूर हैं। कुछ साल पहले तक यहाँ के लोग दुनिया की सबसे शुद्ध हवा में सांस लेते थे। ब्राजील के पड़ोसी देशों में भी बारिश की कमी है और सूखे की आशंका है। सरकार इस बात से चिंतित है कि अगर हालात नहीं सुधरे तो क्या होगा।
ब्राजील में ऐसा क्यों हो रहा है?
अमेज़न के जंगलों में हर साल लाखों पेड़ काटकर लोग खेती करने लगते हैं। जंगल की जगह अब घर और इमारतें बन रही हैं। 2004 में 1.98 मिलियन हेक्टेयर जंगल नष्ट कर दिया गया था। उसके बाद 2021 अगस्त से 2022 जुलाई के बीच सबसे ज़्यादा जंगल काटे गए। इस दौरान कुल 11,568 वर्ग किलोमीटर और 2023 में 9,117 वर्ग किलोमीटर जंगल नष्ट कर दिया गया। यह जानकारी खुद ब्राजील सरकार ने दी है। हर साल अमेज़न का जंगल सिमटता जा रहा है।
अमेज़न के जंगलों में खनिज पदार्थों का भंडार है। इसलिए यहाँ के जंगलों को नष्ट किया जा रहा है। बड़ी-बड़ी कंपनियाँ यहाँ व्यावसायिक फसलें उगा रही हैं। जंगलों के नष्ट होने से बारिश कम हो रही है और अमेज़न नदी और उसकी सहायक नदियाँ सूख रही हैं। आमतौर पर अटलांटिक महासागर से आने वाली नमी अमेज़न के जंगलों में बारिश कराती थी। लेकिन अब हवाओं ने अपना रुख मोड़ लिया है और बारिश एंडीज पर्वत पर होने लगी है। इस साल तो बारिश बिलकुल ही नहीं हुई है। अगर बारिश नहीं हुई तो ब्राजील का 80% हिस्सा सूखे की चपेट में आ सकता है।