भारत विरोधी; खासकर मोदी के खिलाफ अकसर जहर उगलने वालीं डेमोक्रेटिक पार्टी की सांसद इल्हान उमर को रिपब्लिकन-बहुसंख्यक प्रतिनिधि सभा द्वारा शक्तिशाली विदेशी मामलों की समिति से हटा दिया गया है। उन्हें विवादास्पद बयानों के कारण ही कुर्सी खोनी पड़ी है।
वाशिंगटन(Washington). भारत विरोधी; खासकर मोदी के खिलाफ अकसर जहर उगलने वालीं डेमोक्रेटिक पार्टी की सांसद इल्हान उमर(Democratic Party Congresswoman Ilhan Omar) को रिपब्लिकन-बहुसंख्यक प्रतिनिधि सभा द्वारा शक्तिशाली विदेशी मामलों की समिति से हटा दिया गया है। उन्हें विवादास्पद बयानों के कारण ही कुर्सी खोनी पड़ी है। सदन ने उनको हटाने के लिए इजरायल के बारे में की गई विवादास्पद टिप्पणियों को आधार बनाया। इल्हान उमर को हटाने के लिए सदन में मतदान किया गया। ऐसा संभवत: पहली बार है, जब व्हाइट हाउस ने उनके बयान की तुरंत निंदा की थी। पढ़िए पूरी डिटेल्स...
इल्हान उमर को हाउस फॉरेन अफेयर्स कमेटी से बाहर करने के पीछे इजरायल के खिलाफ टिप्पणियां थीं। वे लगातार भारत और इजरायल के अलावा दूसरे मुद्दों पर विवाद देती आई हैं। खासकर; मुस्लिमों का पक्ष लेते हुए वे निष्पक्षता का भी ध्यान नहीं रखतीं। सोमाली मूल की मुस्लिम महिला उमर के खिलाफ जाने के लिए रिपब्लिकन समर्थन को मजबूत करने के लिए हाउस स्पीकर केविन मैक्कार्थी ने गुरुवार को वोट दिया। जीओपी के कुछ सांसदों ने उनके बयानों को लेकर आपत्ति जताई थी। इल्हान ने 29 जनवरी को CNN पर एक इंटरव्यू दिया था। इसमें उन्होंने इजरायल के साथ-साथ यहूदी विरोधी टिप्पणी की थी।
सदन ने उन्हें पार्टी की तर्ज पर 218 से 211 मतों के साथ हाउस फॉरेन अफेयर्स कमेटी से हटाने के लिए मतदान किया। मैक्कार्थी ने कहा जब विदेशी मामलों की बात आती है, तो हम विश्वास नहीं करते हैं। विशेष रूप से दुनिया भर में उस स्थिति की जिम्मेदारी के लिए जो आप करते हैं। उसे (इल्हान उमर को) वहां काम नहीं करना चाहिए।'
उमर अमेरिकी प्रतिनिधि सभा में तीसरे मुस्लिम सांसद हैं। वह मिनेसोटा के पांचवें कांग्रेसनल जिले का प्रतिनिधित्व करती हैं। पिछले कुछ वर्षों में उन्होंने सदन के अंदर और बाहर भारत विरोधी अभियान चला रखा था। वह इज़राइल और यहूदी लॉबी की भी तीखी आलोचका करती रहीं।
जून में उमर पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर के दौरे पर आई थीं। इसकी भारत ने कड़ी निंदा की थी। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने एक ब्रीफिंग में इल्हान उमर को एजेंडावादी बताया था। बागची ने कहा था संकीर्ण सोच वाली राजनीति करना ही उनका मकसद रहा है।
हुआ यूं था कि अमेरिका के एक मुस्लिम संगठन ‘इंडियन अमेरिकन मुस्लिम काउंसिल’ ने इल्हान उमर की प्रतिनिधि सभा में एक ऐसा प्रस्ताव पेश करने के लिए सराहना की थी, जिसमें मोदी को अल्पसंख्यक विरोधी बताया गया था। उन्होंने भारत को विशेष चिंता वाला देश घोषित करने की मांग की थी।
40 वर्षीय इल्हान उमर सोमालियाई-अमेरिकी राजनेता हैं। वे 2019 से मिनिसोटा से चुनाव जीतकर हाउस ऑफ रिप्रजेंटेटिव में आई थीं। वे अमेरिकी संसद यानी कांग्रेस में पहुंचने वाली पहली दो मुस्लिम महिला सांसदों में से एक हैं। यह नहीं, वे अमेरिकी संसद में पहुंचने वाली वह पहली सोमालियाई-अमेरिकी नागरिक भी हैं। मूल रूप से अफ्रीका की नागरिक इल्हान इल्हान का परिवार मूलरूप से सोमालिया से है। साल 1991 में वह सोमालियाई गृहयुद्ध के चलते देश छोड़कर परिवार के साथ अमेरिका आ गई थीं।
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