
दिल्ली. सिंध प्रांत के केती बंदरगाह के समीप 5 मार्च को मछुआरों को ले जा रही एक नाव पलट गई थी। इस नाव में 45 मछुआरे थे। जिनमें से 31 मछुआरों को तभी बचा लिया गया था। लेकिन 14 मछुआरों का पता नहीं लगा था। इस कारण हेलीकॉप्टर, जहाज, स्पीड बोटों आदि की मदद से उनकी खोज की जा रही थी। इस मामले में सेना द्वारा बुधवार को जारी की गई जानकारी के अनुसार दुर्घटना में 12 मछुआरों की मौत हो गई है।
हिजामक्रो क्रीक में हुई दुर्घटना
जानकारी के अनुसार ये दुर्घटना केली बंदरगाह के समीप हिजामक्रो क्रीक में हुई थी। तुरंत मछुआरों को बचाने के लिए पाकिस्तानी नौसेना, समुद्री सुरक्षा एजेंसियों और ईधी फाउंडेशन के गोताखोरों द्वारा सर्च आपरेशन शुरू कर दिया गया था। जिसके कारण करीब 31 मछुआरों को बचा लिया गया था। ये जांच पिछले तीन चार दिन से जारी थी। जिसमें 12 मछुआरों की मौत की पुष्टि हो गई है। सेना की जनसम्पर्क ब्रांच ने बताया कि अरब सागर में हुई दुर्घटना में पाकिस्तान के 12 मछुआरों की मौत हुई है।
एक जोड़ा अभी भी लापता
अरब सागर में नाव पलटने से लापता हुए 14 लोगों में से 12 के शव मिल चुके हैं। लेकिन अभी भी एक जोड़ा यानी दो लोग लापता है। जिनकी खोज लगातार जारी है।
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मौसम ठीक नहीं होने से पलटी थी नाव
बताया जा रहा है कि मौसम अनुकूल नहीं होने के कारण अरब सागर में हिजामक्रो के समीप नाव पलट गई थी। बताया यह भी जा रहा है कि अक्सर पाकिस्तान के जहाजों में क्षमता से अधिक मछुआरे भर लिये जाते हैं। यही कारण है कि मौसम बदलने के कारण दुर्घटना होने में देर नहीं लगती है। क्षमता से अधिक भार होने के कारण जहाज पलटने की संभावना काफी अधिक हो जाती है।
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