ढाका: बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना और उनके 45 साथियों के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया गया है। बांग्लादेश में हुए सरकार विरोधी प्रदर्शनों के दौरान छात्रों की हत्या के मामले में शेख हसीना के खिलाफ यह वारंट जारी हुआ है। 18 नवंबर तक हसीना को गिरफ्तार कर पेश करने का आदेश दिया गया है। यह आदेश बांग्लादेश के अंतर्राष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण के मुख्य न्यायाधीश मोहम्मद ग़ुलाम मोर्तुज़ा मजूमदार ने दिया है।
देशव्यापी छात्र आंदोलन के बाद सत्ता से बेदखल हुईं हसीना देश छोड़कर चली गई थीं। पिछले अगस्त में हसीना के भारत भाग जाने की खबरों के बाद से वे सार्वजनिक रूप से नहीं दिखी हैं। आखिरी जानकारी के अनुसार, वे दिल्ली के एक सैन्य अड्डे पर थीं। हसीना की पार्टी अवामी लीग के पूर्व महासचिव ओबैदुल खादर समेत हसीना सरकार के तीन पूर्व मंत्रियों के खिलाफ भी वारंट जारी हुआ है।
इस बीच, पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना ने एक बयान जारी कर बांग्लादेश हिंसा की उचित जांच की मांग की थी। उन्होंने दोषियों को सजा देने की भी अपील की। देश छोड़ने के बाद यह हसीना का पहला बयान था। हिंसा में मारे गए लोगों को श्रद्धांजलि देते हुए हसीना ने कहा कि वे पीड़ित परिवारों के साथ हैं।
मानवता के खिलाफ अपराधों के आरोप में हसीना और उनके साथियों के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया गया है। हसीना के 15 साल के शासनकाल में गंभीर मानवाधिकार उल्लंघन, राजनीतिक विरोधियों को जेल में डालना और हत्या जैसे आरोप शामिल हैं। न्यायाधिकरण ने 60 शिकायतों पर विचार किया।