पाकिस्तान के ग्वादर इलाके में चाइनीज अधिकारियों पर हुए हमले के बाद चीन-पाकिस्तान इकोनॉमिक कॉरिडोर को बड़ा झटका लग सकता है। हाल में जारी रिपोर्ट में सीपीईसी प्रोजेक्ट को लेकर यह दावा किया गया है।
Attack In Pakistan. पाकिस्तान के ग्वादर में चाइनीज अधिकारियों को निशाना बनाकर हमला किया गया। बीते रविवार को ग्वादर पुलिस स्टेशन बलूचिस्तान में 23 चाइनीज इंजीनियरों को लेकर जा रही गाड़ी पर आईइडी ब्लास्ट किया गया था। अब रिपोर्ट आ रही है कि इस हमले के बाद चीन-पाकिस्तान इकोनॉमिक कॉरिडोर का काम ठंडे बस्ते में जा सकता है क्योंकि इस प्रोजेक्ट को लेकर कई बार चाइनीज इंजीनियर्स और श्रमिकों को निशाना बनाकर हमले हो चुके हैं।
क्या कहती है हाल में जारी रिपोर्ट
चीनी इंजीनियर्स के काफिले पर हमले के बाद द डिप्लोमैट की रिपोर्ट कहती है कि इससे डर और अनिश्चितता का माहौल पैदा हुआ है, जो कि निवेश को प्रभावित करने वाला होगा। रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि पाकिस्तान में चीनी नागरिकों और इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट से जुड़े लोगों पर लगातार हमले बढ़ रहे हैं। इससे विदेश निवेश प्रभावित होगा क्योंकि यह हमले सुरक्षा और स्थायित्व पर खतरा है। इन हमलों से दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंध भी प्रभावित होंगे और विदेशी निवेश को बरकरार रख पाना बेहद मुश्किल होगा।
कब-कब चीनी नागरिकों को बनाया निशाना
क्या कहते हैं पाकिस्तान के अधिकारी
पाकिस्तान के प्लानिंग, डेवलपमेंट एंड रिफॉर्म मिनिस्टर एहसान इकबाल का कहना है कि इस तरह से चाइनीज नेशनल्स पर हमले से चीन-पाकिस्तान इकोनॉमिक कॉरिडोर को झटका लग सकता है। इससे डर और अनिश्चितता का माहौल पैदा हो रहा है, जो कि ठीक नहीं है। चीनी नागरिकों को निशाना बनाकर हो रहे हमले की वजह से विदेशी निवेश कमजोर होगा।
क्या है चीन-पाकिस्तान इकोनॉमिक कॉरिडोर
चीन-पाकिस्तान इकोनॉमिक कॉरिडोर चीन की महत्वाकांक्षी परियोजना है। इसके माध्यम से चीन के झिंगजियांग से पाकिस्तान के बलूचिस्तान अरब सागर तक रेल नेटवर्क खड़ा किया जा रहा है। इसके लिए ज्यादातर निवेश चीन की तरफ से ही किया जा रहा है। वहीं बलूचिस्तान के अलगाववादी गुटों का कहना है कि चीन इस प्रोजेक्ट के माध्यम से बलूचिस्तान की प्राकृतिक संपदा पर कब्जा करना चाहता है। यही वजह है कि बलूचिस्तान के अलगाववादी दशकों से इसका विरोध कर रहे हैं।
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