चीन बनाने जा रहा दुनिया का सबसे बड़ा बांध, भारत-बांग्लादेश पर होगा क्या असर?

Published : Dec 26, 2024, 12:24 PM ISTUpdated : Dec 26, 2024, 12:52 PM IST
China To Build World Largest Hydropower Dam

सार

चीन तिब्बत में ब्रह्मपुत्र नदी पर दुनिया का सबसे बड़ा जलविद्युत बांध बनाने की तैयारी में है। इससे भारत और बांग्लादेश में लाखों लोग प्रभावित हो सकते हैं और नदी के बहाव में बदलाव आ सकता है। यह थ्री गॉर्जेस बांध से भी बड़ा होगा।

वर्ल्ड डेस्क। चीन दुनिया का सबसे बड़ा जलविद्युत बांध बनाने जा रहा है। इसका निर्माण तिब्बती पठार के पूर्वी किनारे पर किया जाएगा। इससे भारत और बांग्लादेश में लाखों लोग प्रभावित हो सकते हैं।

चीन के पावर कंस्ट्रक्शन कॉरपोरेशन द्वारा 2020 में दिए गए अनुमान के अनुसार बांध यारलुंग जांग्बो नदी (भारत में इसे ब्रह्मपूत्र नदी के नाम से जाना जाता है) के निचले हिस्से में बनेगा। इससे सालाना 300 बिलियन किलोवाट-घंटे बिजली का उत्पादन होगा। यह मध्य चीन में स्थित थ्री गॉर्जेस बांध (जो वर्तमान में दुनिया का सबसे बड़ा बांध है) की 88.2 बिलियन किलोवाट घंटे की डिजाइन क्षमता से तीन गुना अधिक होगा।

चीन की सरकारी समाचार एजेंसी शिन्हुआ ने बताया है कि इस परियोजना से चीन के कार्बन उत्सर्जन कम करने के लक्ष्यों को पूरा करने में मदद मिलेगी। इससे उद्योगों को बढ़ावा मिलेगा और तिब्बत में रोजगार के अवसर पैदा होंगे।

2,000 मीटर ऊंचाई पर बांध बनाएगा चीन

यारलुंग जांग्बो का एक भाग 50 किमी की दूरी में 2000 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। इसकी जलविद्युत क्षमता बहुत अधिक है। इसपर बांध बनाना इंजीनियरिंग के लिए बड़ी चुनौती है। थ्री गॉर्ज बांध तैयार करने में 34.83 बिलियन डॉलर (2,97,054 करोड़ रुपए से अधिक) लागत आई थी। इस बांध के चलते 14 लाख लोग विस्थापित हुए थे। यारलुंग जांग्बो पर बांध बनाने में इससे अधिक लागत आएगी। चीन के अधिकारियों ने अभी यह नहीं बताया है कि बांध निर्माण के लिए कितने लोगों को विस्थापित होना पड़ेगा। इससे स्थानीय इकोसिस्टम पर क्या असर होगा।

चीनी अधिकारियों के अनुसार तिब्बत में चीन की एक तिहाई से अधिक जलविद्युत क्षमता है। उसकी जलविद्युत परियोजनाएं पर्यावरण या निचले इलाकों में जल आपूर्ति पर कोई बड़ा प्रभाव नहीं डालेंगी।

भारत और बांग्लादेश ने बांध परियोजना पर जताई चिंता

भारत और बांग्लादेश ने बांध निर्माण को लेकर चिंता जताई है। इस परियोजना से न केवल स्थानीय इकोसिस्टम में बदलाव आएगा, बल्कि नदी के बहाव और दिशा में भी परिवर्तन आएगा। यारलुंग जांग्बो नदी तिब्बत से निकलकर दक्षिण में भारत के अरुणाचल प्रदेश और असम राज्यों से होकर गुजरती है। इसके बाद बांग्लादेश जाती है। भारत में इसे ब्रह्मपुत्र नदी के नाम से जाना जाता है। चीन ने यारलुंग जांग्बो की ऊपरी पहुंच पर जलविद्युत उत्पादन शुरू कर दिया है। यह तिब्बत के पश्चिम से पूर्व की ओर बहती है। चीन इस नदी के ऊपर की ओर और अधिक परियोजनाओं की योजना बना रहा है।

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