शी जिनपिंग ने बिडेन को टेलीफोन पर दो टूक-जो लोग आग से खेलते हैं वह अंतत: जल जाते

महाशक्ति प्रतिद्वंद्विता, ताइवान को लेकर बढ़े तनाव के बीच चीन व अमेरिकी राष्ट्राध्यक्ष ने बातचीत की है। गुरुवार को बिडेन व चीनी राष्ट्रपति में 2 घंटे तक टेलीफोन पर बात हुई है। 
 

Dheerendra Gopal | Published : Jul 28, 2022 6:19 PM IST / Updated: Jul 28 2022, 11:50 PM IST

वाशिंगटन। महाशक्ति प्रतिद्वंद्विता, ताइवान पर बढ़ते तनाव और व्यापार विवाद के बीच अमेरिका और चीन के राष्ट्राध्यक्षों ने बातचीत के लिए कदम आगे बढ़ाया है। गुरुवार को राष्ट्रपति जो बिडेन व चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने टेलीफोनिक वार्ता की है। दोनों राष्ट्राध्यक्षों ने विभिन्न मुद्दों पर दो घंटा से अधिक बातचीत की है। व्हाइट हाउस ने कहा कि कॉल दो घंटे 17 मिनट तक चली। डेढ़ साल पहले राष्ट्रपति बनने के बाद से शी जिनपिंग के साथ यह बिडेन की पांचवीं बातचीत थी। हालांकि, दोनों राष्ट्राध्यक्षों के बीच पांच बार बातचीत होने के बाद भी दोनों देशों के बीच अविश्वास व तनाव में कोई कमी नहीं आ सकी है।

जो आग से खेलेगा वह जल जाएगा

उधर, दोनों देशों के राष्ट्राध्यक्षों की बातचीत के बाद चीनी मीडिया ने बताया कि शी जिनपिंग ने बिडेन को ताइवान पर दो टूक चेतावनी दी है कि जो आग से खेलता है वह अंतत: जल जाएगा। मुझे विश्वास है कि अमेरिकी पक्ष इसे अच्छी तरह से समझेगा। 

ताइवान को लेकर दोनों देश मुखर

पहले से ही एक व्यापार युद्ध में फंसे होने के बाद बीजिंग और वाशिंगटन, ताइवान को लेकर खुले संघर्ष की चुनौती दे रहे हैं। दोनों एक दूसरे से समाधान के मूड में कम ही दिख रहे हैं। व्हाइट हाउस की राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद के प्रवक्ता जॉन किर्बी ने कहा कि इंडो-पैसिफिक में चीन के आक्रामक व्यवहार पर तनाव, उनके एजेंडा में सबसे ऊपर होगा।

व्हाइट हाउस के प्रतिनिधि की ताइवान की संभावित यात्रा नवीनतम तनाव का केंद्र

नवीनतम फ्लैशपॉइंट ताइवान द्वीप के लिए बिडेन सहयोगी और प्रतिनिधि सभा के अध्यक्ष, नैन्सी पेलोसी की एक संभावित यात्रा है, जिसपर बीजिंग का दावा है कि वह चीन का हिस्सा है, लेकिन वहां अलग लोकतांत्रिक सरकार है। हालांकि, अमेरिकी अधिकारी अक्सर ताइवान का दौरा करते रहते हैं। उधर, चीन नैन्सी पेलोसी की यात्रा को तनाव की मुख्य वजह मान रहा है।

यात्रा पर चीन ने दी चेतावनी

चीन ने बुधवार को चेतावनी दी कि पेलोसी की यात्रा जोकि अभी तक पुष्ट नहीं है, होती है तो वाशिंगटन परिणाम भुगतेगा। उधर, यूएस ज्वाइंट चीफ्स ऑफ स्टाफ के अध्यक्ष जनरल मार्क मिले ने कहा कि अगर पेलोसी सैन्य सहायता के लिए कहती हैं, तो हम उनके व्यवसाय के सुरक्षित, सुरक्षित संचालन को सुनिश्चित करने के लिए जो आवश्यक होगा वह करेंगे। अमेरिकी अधिकारियों को डर है कि शी लोकतांत्रिक ताइवान पर नियंत्रण लगाने के लिए बल प्रयोग पर विचार कर रहे हैं।

कोई आमने-सामने नहीं

बिडेन वर्षों से शी के साथ घनिष्ठ संबंधों की बात कहते हैं। हालांकि, कोविड यात्रा प्रतिबंधों के कारण दोनों राष्ट्राध्यक्षों का पदभार ग्रहण करने के बाद आमने-सामने की मुलाकात अभी बाकी है। दरअसल, अमेरिका दोनों महाशक्तियों में सार्वजनिक टकराहट से बचना सुनिश्चित करना चाहता है। किर्बी ने कहा कि वह यह सुनिश्चित करना चाहते हैं कि सभी मुद्दों पर राष्ट्रपति शी के साथ बातचीत की झिझक न हो, चाहे कोई भी मुद्दा हो, दोनों देश जब चाहे एक दूसरे से खुलकर बात कर सकें, चाहें दोनों सहमत हो या न हों। हालांकि, यह फिलहाल मुश्किल लग रहा है क्योंकि डोनाल्ड ट्रंप ने चीन पर कई प्रतिबंध थोपे थे। यह पूछे जाने पर कि क्या ट्रम्प द्वारा अरबों डॉलर के चीनी उत्पादों पर लगाए गए 25 प्रतिशत आयात शुल्क में से कुछ को बिडेन उठा सकते हैं, किर्बी ने कहा कि अभी भी कोई निर्णय नहीं हुआ है।

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