दक्षिणी लंदन की दार्टमूर जेल में बंद 81 साल का अरविंदन बालाकृष्णन खतरनाक अपराधी था। उसका अपराध बेहद घिनौना था। अदालत ने उसे 23 साल कैद की सजा सुनाई थी। मगर 6 साल की सजा में ही उसकी मौत हो गई।
नई दिल्ली। लंदन की एक जेल में बंद कामरेड बाला नाम से चर्चित वामपंथी नेता अरविंदन बालाकृष्णन की मौत हो चुकी है। अरविंदन बालाकृष्णन की मौत तो वैसे बीते 7 अप्रैल, गुरुवार को ही हो गई थी, मगर भारतीय मीडिया में इसकी खबर आते-आते 2 दिन और लग गए। दरअसल, दक्षिणी लंदन की दार्टमूर जेल में बंद 81 साल के बालाकृष्णन खतरनाक अपराधी था। उसका अपराध इतना घिनौना था कि लंदन की एक अदालत ने उसे वर्ष 2016 में 23 साल की जेल की सुनाई थी। मगर यह 6 साल की सजा में ही चल बसा।
अरविंदन ने अपनी एक नहीं, दो नहीं बल्कि, 6 महिला सहयोगियों को बीते कई साल तक अपनी कैद में रखे रहा। इसमें नाबालिग भी शामिल थी। वह उन्हें शारीरिक और यौन प्रताड़ना देता था। उसने अपनी 30 साल की बेटी के साथ भी यही सब किया। उन्हें तरह-तरह से डराता और धमकाता था। इन आरोपों पर दोष सिद्ध होने के बाद ही कोर्ट ने 75 साल की उम्र में उसे 23 साल की सख्त कैद की सजा सुनाई थी।
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जैकी नाम के रोबोट से डराता था महिलाओं को
बताया जाता है कि अरविंदन अपनी इन महिला सहयोगियों को जैकी से डराता था। बाद में पता चला कि जैकी नाम की कोई चीज थी ही नहीं बल्कि, वह एक काल्पनिक रोबोट के तौर पर जैकी नाम का इस्तेमाल करता था। अरविंदन अपनी महिला सहयोगियों को कैद में रखते हुए दावा करता था कि वह उनका दिमाग पढ़ सकता है। उसे खुद को कामरेड बाला या फिर कामरेड भी नाम से पुकारा जाना अच्छा लगता था।
खुद को भगवान मानता था कामरेड बी
अरविंदन केरल का रहने वाला था। उसके पिता आजादी से पहले ब्रिटिश सरकार में नौसेना में क्लर्क थे। बाद में वह सिंगापुर चले गए। इसके कुछ साल बाद वह लंदन जाकर बस गए। अरविंदन ने काॅलेज की पढ़ाई वहीं की। बाद में अरविंदन वहां की कम्यूनिस्ट पार्टी में शामिल हो गया। उसने चंदा नाम की कम्यूनिस्ट विचारधारा वाली लड़की से शादी कर ली। अरविंदन चाहता था कि लोग उसे कामरेड बाला या फिर कामरेड बी कहकर पुकारें। वह खुद को भगवान भी मानता था। वह चाहता था कि लोग सिर्फ उसकी बात मानें और उसके आसपास रहें।
6 महिला सहयोगियों को कैद कर रखा था बाला
इस बीच अरविंदन की कई महिला फालोअर हो गई। धीरे-धीरे उसने 6 महिला सहयोगियों को कैद कर लिया। वह उन्हें शारीरिक प्रताड़ना देता और उनसे रेप करता। इन्हें कहीं भी आने जाने की इजाजत नहीं थी। यहां तक कि वे आपस में भी बात नहीं कर सकती थीं। अरविंदन ने अपनी 30 साल की बेटी केटी मॉर्गन को भी बंदी बना रखा था। बाद में बेटी किसी तरह वहां से भागी और दुनिया को सच्चाई बताई। इसके बाद अरविंदन का असली चेहरा लोगों के सामने आया।
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बेटी कैद से भागी और दुनिया को सच बताया तब पहुंचा जेल
पीड़िता का नाम केटी मोर्गन है, जिनकी उम्र लगभग 39 साल है। उसने अपने पिता द्वारा 6 अन्य महिलाओं के साथ भी ऐसी ही हरकत करने का आरोप लगाया था। साल 2013 में वह 30 साल की उम्र में जैसे-तैसे करके कैद से निकलने में सफल रही। इसके 8 साल बाद केटी ने अपनी जिंदगी के बारे में दुनिया को बताया।
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