
किंशासा। डेमोक्रेटिक रिपब्लिक ऑफ कांगो (Democratic Republic of Congo)में बड़ा हादसा हो गया। यहां नाव के पलटने से 50 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई और करीब 69 लोग लापता हैं, जिनकी तलाश की जा रही है। घटना के बाद जगह-जगह लाशें बिखरी पड़ी मिलीं। यह हादसा कांगो नदी में हुआ। उत्तर पश्चिमी प्रांत मोंगाला (Mongala) के गवर्नर के प्रवक्ता नेस्टर मैगबाडो (Nestor Magbado) ने बताया कि 51 शवों को निकाल लिया गया है। बाकी की तलाश की जा रही है। हादसे में 39 लोग सुरक्षित बचाए गए हैं।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, नाव में यात्रियों के सवार होने से पहले गिनती नहीं की गई थी। ऐसे में नाव में बैठने की क्षमता को देखकर लापता लोगों की संख्या का अंदाजा लगाया जा रहा है। सरकार का कहना है कि सर्च और रेस्क्यू ऑपरेशन चल रहा है। इसके लिए कुछ घंटे इंतजार करना होगा, तभी पूरी स्थिति स्पष्ट हो पाएगी। उम्मीद की जा रही है कि ज्यादा से ज्यादा लोगों को जिंदा बचाया जा सके। सरकार का कहना था कि हादसा रात में खराब मौसम के कारण या फिर ज्यादा भीड़भाड़ की वजह से होने की आशंका है। प्रांतीय अधिकारियों ने तीन दिन के लिए शोक की घोषणा की है। इससे पहले जुलाई, 2010 में पश्चिमी प्रांत बांडुंडु में नाव के पलटने से 135 से ज्यादा लोगों की जान चली गई थी।
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फरवरी में 60 लोगों की मौत हो गई थी
इससे पहले, डेमोक्रेटिक रिपब्लिक ऑफ कांगो में 15 फरवरी को एक नाव के पलटने से 60 लोगों की मौत हो गई थी। ये हादसा भी कांगो नदी में ही हुआ। नाव पर क्षमता से ज्यादा लोग सवार थे, जिस कारण नाव डूब गई। देश के मानवीय मामलों के मंत्री स्टीव मबिकायी ने बताया था कि इस नाव में 700 लोग सवार थे। नाव एक दिन पहले किनहासा प्रांत से मबनडाका के लिए रवाना हुई थी। माई-नोमडबे प्रांत के लोंगगोला इकोती गांव के पास पहुंचने पर डूब गई। इस घटना में जिम्मेदार लोगों पर प्रतिबंध लगाने की मांग भी की गई थी।
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लंबी दूरी की यात्रा के लिए कांगो नदी एकमात्र रास्ता है
इससे पहले भी कांगो में इस तरह की घटनाएं सामने आती रही हैं। जनवरी में भी नाव हादसा हुआ था, जिसमें दो लोगों की मौत हो गई थी, जबकि 20 लोगों का कुछ पता नहीं चला था। ये हादसा क्षमता से ज्यादा यात्रियों के बैठने की वजह से हुआ था। दरअसल, देशभर में सड़कों का बुरा हाल है, इस कारण लोग नाव के जरिए यात्रा करने को तवज्जो देते हैं। हालांकि इस वजह से नाव पर ज्यादा संख्या में लोग सवार हो जाो हैं। वहीं, नाविकों द्वारा ज्यादा भार भी लोड कर दिया जाता है। कांगो वासियों के लिए लंबी दूरी की यात्रा करने का एकमात्र जरिया कांगो नदी है। बता दें कि कांगो की अर्थव्यवस्था काफी खराब है और इसलिए सरकार इंफ्रास्ट्रक्चर पर ज्यादा ध्यान नहीं दे पाती है।
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