
G20 2026 Summit: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) ने शुक्रवार को यह घोषणा कर दुनिया को चौंका दिया कि 2026 का G20 शिखर सम्मेलन उनके 'ट्रंप नेशनल डोरल मियामी गोल्फ रिजॉर्ट और स्पा' (Trump National Doral Miami Golf Resort & Spa) में आयोजित होगा। दिसंबर 2026 में होने वाला यह शिखर सम्मेलन अमेरिकी राजनीति और वैश्विक कूटनीति दोनों के लिहाज से बेहद अहम माना जा रहा है।
ट्रंप ने कहा कि डोरल रिजॉर्ट इसके लिए सबसे बेहतरीन जगह है, क्योंकि यह एयरपोर्ट के पास है, यहां का मौसम शानदार रहता है और यह बहुत खूबसूरत है। उनका कहना है, 'हम इस इवेंट से कोई पैसा नहीं कमाएंगे। यह एक डील है, जहां पैसों का सवाल ही नहीं है। मैं बस चाहता हूं कि यह सफल हो।' ट्रंप ने यह भी कहा कि दिसंबर में मियामी के ज्यादातर होटल पहले से बुक रहते हैं, ऐसे में डोरल रिजॉर्ट सबसे सही लोकेशन साबित होगी।
यह फैसला इसलिए चर्चा में है क्योंकि 2019 में अपने पहले कार्यकाल के दौरान ट्रंप ने G7 समिट को भी डोरल रिजॉर्ट में कराने का प्लान बनाया था, लेकिन तब डेमोक्रेटिक विपक्ष ने इसे 'भ्रष्टाचार का खुला उदाहरण' बताया। भारी विवाद के बाद ट्रंप को प्लान बदलना पड़ा और आखिरकार वह शिखर सम्मेलन कोविड महामारी के चलते हो ही नहीं पाया। ऐसे में इस बार भी उनके विरोधियों और मीडिया की तीखी प्रतिक्रिया देखने को मिल सकती है।
ट्रंप ने यह भी साफ कर दिया कि वह रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग को इनवाइट करने के पक्ष में हैं। उन्होंने कहा, 'अगर वे आना चाहें तो मुझे बहुत अच्छा लगेगा।' हालांकि, ट्रंप ने यह भी जोड़ा कि वे 'ऑब्जर्वर' के तौर पर आ सकते हैं या नहीं, यह उनका फैसला होगा। यह बयान खास इसलिए है क्योंकि यूक्रेन से वॉर को लेकर इन दिनों रूस के रिश्ते पश्चिमी देशों के साथ तनावपूर्ण हैं।
ट्रंप ने यह भी पुष्टि की कि वह 2025 का G20 शिखर सम्मेलन दक्षिण अफ्रीका में छोड़ देंगे और वहां उप-राष्ट्रपति जेडी वेंस (JD Vance) को भेजेंगे। उन्होंने दावा किया कि दक्षिण अफ्रीका में श्वेत नागरिकों पर उत्पीड़न हो रहा है, जिस कारण वे खुद वहां नहीं जाएंगे।
कई जानकारों का मानना है कि ट्रंप का यह फैसला अमेरिकी राजनीति में कॉर्पोरेट और पर्सनल इंटरेस्ट पर बहस को तेज करेगा। विपक्ष इसे 'प्रेसिडेंसी को बिजनेस प्रमोशन के लिए इस्तेमाल' कह सकता है। वहीं अंतरराष्ट्रीय स्तर पर रूस और चीन की भागीदारी को लेकर सवाल उठ सकते हैं।
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