
Donald Trump India Tariff: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत को रूस से तेल खरीदने की भारी कीमत चुकाने पर मजबूर कर दिया है। बुधवार को उन्होंने एक कार्यकारी आदेश (Executive Order) पर हस्ताक्षर किए, जिसके तहत भारत से आने वाले सामानों पर पहले से लागू 25% ड्यूटी के ऊपर अतिरिक्त 25% टैरिफ लगाया जाएगा। ट्रंप ने यह भी खुलासा किया कि क्यों वह सिर्फ भारत को टारगेट कर रहे हैं जबकि चीन भी रूस से तेल खरीदी कर रहा है।
जब एक पत्रकार ने ट्रंप से पूछा कि भारत को क्यों अलग से निशाना बनाया जा रहा है जबकि चीन सहित कई देश अब भी रूसी तेल खरीद रहे हैं तो ट्रंप ने जवाब दिया कि अभी सिर्फ 8 घंटे हुए हैं, आप देखिए आगे क्या होता है। बहुत सारी सेकेंडरी सैंक्शंस (Secondary Sanctions) देखने को मिलेंगी।
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भारत ने इस कदम को अनुचित, अन्यायपूर्ण और अव्यावहारिक करार देते हुए कहा है कि वह अपने राष्ट्रीय हितों की रक्षा के लिए सभी आवश्यक कदम उठाएगा। भारत ने अमेरिका पर दोहरे मापदंड अपनाने का आरोप लगाते हुए कहा कि जब अमेरिका खुद रूसी यूरेनियम हेक्साफ्लोराइड, पैलेडियम और फर्टिलाइज़र खरीद रहा है तो भारत को क्यों निशाना बनाया जा रहा है? इतना ही नहीं, ट्रंप का यह ताना कि भारत चाहे तो पाकिस्तान से तेल खरीद सकता है, नई दिल्ली में बेहद नकारात्मक रूप से लिया गया है।
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विश्लेषकों का मानना है कि ट्रंप के इस कदम से दो दशकों की अमेरिका-भारत कूटनीतिक प्रगति पर पानी फिर सकता है। वॉशिंगटन स्थित थिंक टैंक कार्नेगी एंडाउमेंट फॉर इंटरनेशनल पीस की ऐश्ले टेलिस का कहना है: भारत अब फंस चुका है, मोदी सरकार ट्रंप के दबाव में रूस से तेल खरीद में कटौती करेगी लेकिन खुले तौर पर स्वीकार नहीं कर सकती। इससे वह ट्रंप के सामने झुकता हुआ नजर आएगा।
पूर्व रिपब्लिकन प्रशासन में कार्य कर चुके एवन फाइगनबाम ने चेतावनी दी कि अमेरिका में भारत से जुड़े मुद्दे जैसे इमिग्रेशन, H1B वीज़ा, आउटसोर्सिंग और टेक्नोलॉजी शेयरिंग, सबसे ज्यादा राजनीतिक रूप से विस्फोटक मुद्दे बनते जा रहे हैं। उन्होंने लिखा कि भारत से जुड़े मुद्दे अमेरिकी घरेलू राजनीति का फुटबॉल बनते जा रहे हैं।
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