
Donald Trump Speech: व्हाइट हाउस से राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक बार फिर पूरी दुनिया का ध्यान खींच लिया। ट्रंप ने दावा किया कि जब उन्होंने सत्ता संभाली, तब अमेरिका युद्धों, कमजोर अर्थव्यवस्था और खुली सीमाओं की समस्या से जूझ रहा था, लेकिन आज हालात पूरी तरह बदल चुके हैं। उन्होंने अपने भाषण में जो बाइडेन सरकार पर तीखा हमला करते हुए खुद को “सबसे खराब से सबसे अच्छे” बदलाव का चेहरा बताया। ट्रंप के मुताबिक, उन्होंने न सिर्फ अमेरिका की सीमा सुरक्षा को मजबूत किया, बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कई बड़े युद्धों को खत्म करने में भी अहम भूमिका निभाई।
अपने संबोधन में ट्रंप ने कहा कि उन्हें दुनिया की “सबसे खराब सीमा व्यवस्था” विरासत में मिली थी। उनके अनुसार, अवैध घुसपैठ, ड्रग्स और अपराध चरम पर थे। लेकिन अब हालात बदल चुके हैं। ट्रंप का दावा है कि कुछ ही महीनों में अमेरिका की सीमा को इतना मजबूत बना दिया गया कि वह देश के इतिहास की सबसे सुरक्षित सीमा बन गई।
भाषण का सबसे चौंकाने वाला हिस्सा तब आया, जब ट्रंप ने कहा कि उन्होंने सिर्फ 10 महीनों में 8 अंतरराष्ट्रीय युद्ध सुलझा दिए। उन्होंने ईरान के परमाणु खतरे को खत्म करने और गाजा में युद्ध रोकने का भी दावा किया। ट्रंप ने कहा कि उनकी नीतियों की वजह से गाजा में युद्ध समाप्त कराकर मध्य पूर्व में 3000 साल बाद शांति आई है और बंधकों की रिहाई संभव हो पाई। हालांकि, इन दावों पर वैश्विक स्तर पर बहस भी शुरू हो गई है।
अर्थव्यवस्था को लेकर ट्रंप ने कहा कि उनकी नीतियों की वजह से अमेरिका में अब तक का रिकॉर्ड 18 ट्रिलियन डॉलर का निवेश आया है। उन्होंने बताया कि इस निवेश से नई नौकरियां पैदा हुईं, वेतन बढ़ा, फैक्ट्रियां खुलीं और राष्ट्रीय सुरक्षा भी मजबूत हुई। ट्रंप ने इसका श्रेय अपनी टैरिफ नीति को दिया, जिसे वह “अपना पसंदीदा शब्द” बताते हैं।
ट्रंप के मुताबिक, कंपनियां अब तेजी से अपना मैन्युफैक्चरिंग यूनिट अमेरिका में शिफ्ट कर रही हैं। वजह साफ है-अमेरिका में उत्पादन करने पर कोई टैरिफ नहीं। उनका कहना है कि पहले कभी इतने बड़े स्तर पर फैक्ट्रियां और इंडस्ट्रियल प्लांट नहीं खुले थे।
अपने भाषण में ट्रंप ने दावा किया कि समुद्री रास्तों से आने वाली ड्रग्स में 94% की कमी आई है। उन्होंने कहा कि स्कूलों और संस्थानों में “खतरनाक वामपंथी कट्टरपंथ” की पकड़ भी तोड़ी गई है।
भाषण के अंत में ट्रंप ने पिछली सरकारों पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि बीते चार सालों तक अमेरिका ऐसे नेताओं के हाथों में था जो अवैध प्रवासियों, अपराधियों और विदेशी हितों के लिए काम करते थे। ट्रंप ने खुद को ऐसा राष्ट्रपति बताया जो कानून मानने वाले, मेहनती अमेरिकियों के लिए लड़ता है। ट्रंप का यह संबोधन सिर्फ एक भाषण नहीं, बल्कि आने वाले राजनीतिक संघर्षों का संकेत भी है।
क्या ट्रंप के ये दावे अमेरिकी इतिहास में एक नया मोड़ साबित होंगे? या यह आने वाले चुनावों से पहले राजनीतिक रणनीति का हिस्सा है? इतना तय है कि ट्रंप का यह भाषण अमेरिका ही नहीं, पूरी दुनिया की राजनीति में नई बहस छेड़ चुका है।
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