दुर्गा पूजा(Durga Puja) शनिवार को बांग्लादेश के मंदिरों में देवी के अवतार (बोधन-bodhon) के साथ शुरू हुई। पांच दिवसीय महोत्सव का समापन बुधवार को प्रतिमा विसर्जन के साथ होगा। महासप्तमी पूजा रविवार को होगी। इस बार पंडालों में कड़े सुरक्षा के इंतजाम किए गए हैं।
ढाका. हिंदुओं का सबसे बड़ा धार्मिक त्योहार दुर्गा पूजा(Durga Puja) शनिवार को बांग्लादेश के मंदिरों में देवी के अवतार (बोधन-bodhon) के साथ शुरू हुई। पांच दिवसीय महोत्सव का समापन बुधवार को प्रतिमा विसर्जन के साथ होगा। महासप्तमी पूजा रविवार को होगी, जबकि महाष्टमी पूजा, कुमारी पूजा और संधि पूजा सोमवार को होगी। मंगलवार को महानबमी(महानवमीं) पूजा होगी और बुधवार को बिजॉय दशमी, जिसे भारत में विजयदशमी या दशहरा कहा जाता है।
(ये तस्वीरें Voice Of Bangladeshi Hindus के twitter पेज पर शेयर करत हुए लिखा गया कि इस थीम के जरिये बांग्लादेश के स्वदेशी लोगों की आजीविका पर प्रकाश डाला गया, जिनसे बांग्लादेश में बहुसंख्यक लोग हमेशा नफरत करते हैं)
बांग्लादेश मे 32,168 मंडपों में दुर्गा पूजा
बांग्लादेशी मीडिया के अनुसार, अल्पसंख्यक हिंदू हों या बहुसंख्यक मुसलमान, सभी इस अवसर का उपयोग पंडालों में पहुंचते हैं। वे धक (एक विशेष ताल वाद्य) की आवाज़ पर नाचते हैं। देवी दुर्गा के आगमन का शुभ अवसर महालय(Mahalaya) 25 सितंबर को मनाया गया। ढाका में ढाकेश्वरी राष्ट्रीय मंदिर, रामकृष्ण मिशन और मठ, कालाबागान, बनानी, शकरी बाजार और रमना काली मंदिर में मुख्य पूजा मंडप स्थापित किए गए हैं। इस साल राजधानी में 241 सहित देशभर के 32,168 मंडपों में दुर्गा पूजा होगी।
कट्टरपंथियों की हरकतों पर कड़ी नजर
पुलिस के अनुसार त्योहार को शांतिपूर्ण और तरीके से मनाने के लिए पर्याप्त सुरक्षा उपाय किए गए हैं। पुलिस बल, अंसार(अर्धसैनिक बल), रैपिड एक्शन बटालियन और अन्य कानून प्रवर्तन एजेंसियों के अतिरिक्त अन्य कर्मियों को पूर्ण सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए पूजा मंडपों में तैनात किया गया है। राष्ट्रपति मोहम्मद अब्दुल हमीद और प्रधान मंत्री शेख हसीना ने इस अवसर पर देश के हिंदू समुदाय के सदस्यों को बधाई देते हुए अलग-अलग संदेश जारी किए हैं।
अपने संदेश में राष्ट्रपति हामिद ने कहा कि बंगाली हिंदुओं का मुख्य धार्मिक त्योहार दुर्गा पूजा है। "देश का हिंदू समुदाय प्राचीन काल से विभिन्न अनुष्ठानों के साथ बड़े उत्साह और उत्सव के बीच पूजा का जश्न मना रहा है। दुर्गा पूजा न केवल एक धार्मिक त्योहार है, बल्कि एक सामाजिक भी है। सांप्रदायिक सद्भाव बंगालियों की शाश्वत परंपरा है। इस परंपरा को हमारी समग्र प्रगति में एक साथ आगे बढ़ाया जाना चाहिए। ”
अपने संदेश में शेख हसीना ने कहा कि दुर्गा पूजा केवल हिंदू समुदाय का त्योहार नहीं है, यह अब एक सार्वभौमिक त्योहार है।" उन्होंने कहा, "बुरी ताकतों का विनाश और सत्य और सौंदर्य की पूजा शारदीय दुर्गोत्सव का मुख्य उद्देश्य है। दुर्गा पूजा के अवसर पर, मैं हिंदुओं सहित सभी नागरिकों के लिए शांति, कल्याण और समृद्धि की कामना करती हूं।"
बता दें कि बांग्लादेश में पिछले साल यानी13-17 अक्टूबर, 2021 तक दुर्गा उत्सव के दौरान जबर्दस्त साम्प्रदायिक हिंसा हुई थी। इस बार सोशल मीडिया पर कड़ी चौकसी रखने के आदेश हैं। पिछले दिनों बांग्लादेश के गृह मंत्री असदुज्जमां खान(Home Minister Asaduzzaman Khan) ने सभी पूजा उत्सव समितियों से कहा था कि वे बिना देर किए अपने स्थानीय प्रशासन से संपर्क करें, ताकि अप्रिय घटनाओं को रोका जा सके। गृह मंत्री ने कहा है कि दुर्गा पूजा पर केंद्रित अफवाहों को फैलने से रोकने के लिए अधिकारी सक्रिय हैं और हिंदू त्योहार के जश्न के दौरान किसी भी अप्रिय घटना को रोकने के लिए पूरे बांग्लादेश में सुरक्षा कड़ी कर दी गई है।
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