एक भयंकर हादसे में ट्रक ने मां-बाप को कुचल दिया, सड़क पर जन्मी इस बच्ची की जिंदगी संवारने उठे हजारों हाथ

बांग्लादेश की ये मासूम इंटरनेट पर चर्चा का विषय बनी हुई है। बांग्लादेश में सरकार, कोर्ट और NGO सब इसकी मदद को आगे आए हैं। इस बच्ची की जन्म एक सड़क दुर्घटना के बाद रोड पर हुआ था। हादसे में इसकी मां(गर्भवती), पिता और भाई-बहन सब मारे गए थे। हाईकोर्ट इस बच्ची की परवरिश को लेकर गंभीर है। उसने एक फैसला सुनाया है।

Amitabh Budholiya | Published : Aug 8, 2022 2:30 AM IST / Updated: Aug 08 2022, 10:29 AM IST

ढाका. ये है फातिमा। इसने एक भयंकर सड़क दुर्घटना के बावजूद जन्म लिया था। दिल दहलाने वाली यह घटना(Heart Breaking Accident) बांग्लादेश में 15 जुलाई को हुई थी। एक बेकाबू ट्रक ने पूरी फैमिली को रौंद दिया था। हादसे के समय महिला गर्भवती थी। जैसे ही पहिया उसके ऊपर से निकला, उसकी प्रसव पीड़ा बढ़ गई। उसने तड़पते हुए इस बच्ची को जन्म दिया। हादसे में इस बच्ची के राइट हैंड की हड्डी दो जगह से टूट गई थी। इस बच्ची की मदद के लिए जैसे लोगों की होड़ मच गई है। 29 जुलाई को बच्ची को चिल्ड्रन होम में भेजा गया है। अब हाईकोर्ट ने संबंधित अधिकारियों को इस बच्चे के परिवार को एक महीने के भीतर पांच लाख रुपए का मुआवजा देने का निर्देश दिया है। पढ़िए पूरी कहानी...

बच्ची की देखभाल एक कमेटी के जिम्मे
हाईकोर्ट ने संबंधित अधिकारियों को त्रिशाल-मयमनसिंह इलाके में एक सड़क दुर्घटना के दौरान पैदा हुई बच्ची को लेकर गंभीरता दिखाई है। जस्टिस खजीर अहमद चौधरी और जस्टिस सरदार मोहम्मद रशीद जहांगीर की हाईकोर्ट डिविजन बेंच ने आदेश पारित कर ट्रस्टी बोर्ड से दुर्घटना के पीड़ितों को मुआवजा देने को कहा है। कोर्ट में न्यासी मंडल की ओर से वकील रफीकुल इस्लाम खड़े हुए। रिट के लिए बैरिस्टर सैयद महसीब हुसैन पेश हुए, जबकि राज्य की ओर से डिप्टी अटॉर्नी जनरल प्रतिकर चकमा पेश हुए। गुरुवार को न्यासी बोर्ड ने बच्चे के परिवार को पांच लाख रुपये का भुगतान करने के लिए तीन महीने की अवधि के लिए आवेदन किया था। इससे पहले 19 जुलाई को हाईकोर्ट ने बच्चे की देखभाल के लिए एक कमेटी बनाने का आदेश दिया था. समाज कल्याण मंत्रालय को अगले तीन महीने के भीतर इस समिति का गठन करने को कहा गया है। अदालत ने एक आदेश भी जारी कर पूछा कि बच्चे और उसके परिवार को पर्याप्त मुआवजा क्यों नहीं दिया जाएगा। साथ ही अदालत ने संबंधित अधिकारियों से बच्चे का आवश्यक इलाज जारी रखने को कहा। शनिवार को हाईकोर्ट में एक रिट दायर कर राज्य को अपने माता-पिता की मृत्यु से बचने वाली बच्ची के सभी खर्चों को वहन करने के लिए कहा गया था। 

गर्भवती मां के ऊपर से गुजर गया था ट्रक
15 जुलाई को दोपहर करीब 12 बजे जहांगीर आलम अपनी गर्भवती बीवी रत्ना बेगम, एक बेटी और दो बेटों साथ आम लेकर चपैनवाबगंज से किशोरगंज के लिए निकले थे। वे आम बेचते थे। जब वह त्रिशाल बस-स्टैंड पहुंचे, तभी बेकाबू ट्रक तीनों के ऊपर से दौड़ पड़ा। इससे तीनों की मौके पर ही मौत हो गई। हादसे में जहांगीर के दो बच्चे 8 साल का जन्नतुल फिरदौस और 5 साल का इबादत घायल हुए थे, जिनका अभी अस्पताल में इलाज चल रहा है। लेकिन मरते-मरते रत्ना बेगम इस बच्ची को जन्म दे गईं। हादसे के बाद जहांगीर के पिता मुस्तफिजुर रहमान ने त्रिशाल पुलिस में मामला दर्ज कराया।

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