
वाशिंगटन। कोई भी देश अपनी दूरदर्शी नीतियों से आगे बढ़ता है। पिछले दो सालों में दुनिया जिस तरह की महामारी का सामना कर रही है, अमेरिका के तत्कालीन राष्ट्रपति जार्ज बुश ने डेढ़ दशक पहले ऐसी महामारियों से निपटने के लिए योजना तैयार करने को कह दिया था।
2005 में, अमेरिका के तत्कालीन राष्ट्रपति जॉर्ज डब्ल्यू बुश ने नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ में एक भाषण दिया था। जिसमें उन्होंने महामारी के बारे में बात की थी और कार्ययोजना बनाने की बात कही थी।
एक किताब से मिली थी प्रेरणा
राष्ट्रीय रणनीति तैयार करने के लिए उनकी प्रेरणा और विचार एक किताब से आया था। उन दिनों वे छुट्टी पर थे। जॉन बैरी की किताब ‘द ग्रेट इन्फ्लुएंजाः द स्टोरी ऑफ द डेडलीएस्ट पैंडेमिक इन हिस्ट्री’ में उन्होंने स्पेनिश फ्लू के बारे में पढ़ा। 1918 में इन्फ्लूएंजा महामारी को इतिहास की सबसे घातक महामारियों में से एक माना जाता है। इससे दुनिया भर में करीब 100 मिलियन लोगों की जान गई थी।
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पढ़ने के बाद बुश ने सुरक्षा सलाहकार से चर्चा की
किताब पढ़ने के बाद बुश ने भविष्य की महामारियों के बारे में योजना बनाने की सोची। उन्होंने अधिकारियों से बात की और यह कहा कि ऐसी महामारी हर 100 साल बाद आती है। इस पर राष्ट्रीय कार्ययोजना बननी चाहिए। इसके बाद तैयारी भी शुरू हो गई। अमेरिका की ‘अर्ली, टारगेटेड, लेयर्ड यूज ऑफ नॉनफार्मास्युटिकल इंटरवेंशन’ योजना को महामारी की व्यापक योजनाओं में एक माना गया।
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अपने 2005 के भाषण में, बुश ने एक महामारी की प्रकृति के बारे में विस्तार से बात की और न केवल आपूर्ति बल्कि वैक्सीन उत्पादन के महत्व के बारे में बात की थी। भाषण में बुश ने एक महामारी की तुलना जंगल की आग से की थी। उन्होंने कहा कि आग को जिस तरह जल्दी पकड़ा गया तो सीमित नुकसान के साथ बुझाया जा सकता है। उसी तरह महामारी भी होती है। उन्होंने यह भी कहा कि एक महामारी का जवाब देने के लिए उपकरणों और चिकित्सा कर्मियों की पर्याप्त आपूर्ति की आवश्यकता होती है। उन्होंने बताया कि कैसे एक महामारी में सीरिंज से लेकर अस्पताल के बिस्तर, मास्क और अन्य उपकरण तक की मारामारी मचती है और उसकी आपूर्ति कम समय में कर सबकुछ नियंत्रित किया सकता है। उन्होंने चिकित्सा क्षमताओं की आवश्यकता के बारे में भी बात की।
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पहले से तैयार रहने की दी थी बुश ने सलाह
बुश ने सलाह दी थी कि हमको पहले से तैयार रहना होगा। कहा कि यदि कोई महामारी आती है तो अमेरिका के पास एक ऐसी क्षमता विकसित हुई होनी चाहिए जिससे हम तत्काल नया वैक्सीन ला सकें। हमारे पास उसके प्रोडक्शन की क्षमता होनी चाहिए। बुश के भाषण में भविष्य की चिंताएं थी, जिसमें उन सभी आवश्यकताओं के पहले से इंतजाम की सलाह थी जो कोरोना वायरस या इस तरह की महामारी में बेहद आवश्यक है।
कोरोना से सबसे अधिक मौतें अमेरिका में
अमेरिका में 34 मिलियन मामले आए। यहां 600,000 से अधिक मौतों की रिपोर्ट है। भारत दूसरे स्थान पर और ब्राजील तीसरे स्थान पर रहा।
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