राजनीति विज्ञापन के लिए 'हां' करने वाला FACEBOOK अब 'नेतागीरी' टाइप पोस्ट को प्रमोट नहीं करेगा

पॉलिटिकल विज्ञापनों से खूब कमाई करने वाले फेसबुक ने 'नेतागीरी' से दूरी बनाने का ऐलान किया है। यानी अब वो किसी संगठन या राजनीतिक ग्रुप की पोस्ट को न के बराबर प्रमोट करेगा। कंपनी का तर्क है कि यूजर्स अपनी टाइमलाइन पर पॉलिटिकल कंटेंट देखना पसंद नहीं करते।

Asianet News Hindi | Published : Jan 28, 2021 9:03 AM IST

नई दिल्ली. कमाई और सामाजिक हित दो अलग-अलग मुद्दे होते हैं। कभी कमाई के चक्कर में सामाजिक हित छोड़ने पड़ते हैं, तो कभी अपने सामाजिक दायित्वों के लिए कुछ कड़े फैसले लेने पड़ते हैं। FACEBOOK ने भी यह किया। फेसबुक के सीईओ मार्क जुकरबर्ग (Facebook CEO Mark Zuckerberg) ने ऐलान किया है कि वो फेसबुक टाइमलाइन पर अब किसी भी पॉलिटिकल ग्रुप की पोस्ट को प्रमोट नहीं करेंगे। बता दें कि नवंबर 2019 में जब ट्विटर ने अपने प्लेटफॉर्म पर राजनीति विज्ञापनों पर रोक लगाई थी, तब जुकरबर्ग ने कहा था कि उन्हें नहीं लगता कि लोकतंत्र में नेताओं या खबरों पर रोक लगाना निजी कंपनियों के लिए ठीक है। 

अब यह बोले जुकरबर्ग...
अमेरिकी राष्ट्रपति के चुनाव में अच्छी-खासी कमाई करने वाले फेसबुक ने अब यह कड़ा फैसला लिया है। कंपनी ने साल 2020 की आखिरी तिमाही में बम्पर मुनाफा कमाया। फैक्टसैट द्वारा कराए गए एक सर्वे में विश्लेषकों ने बताया कि अक्टूबर से दिसंबर के दौरान 11.22 अरब डॉलर या 3.88 डॉलर प्रति शेयर का मुनाफा हासिल किया। यानी यह पिछले की तुलना में 53% अधिक है। कोरोना महामारी के दौरान लोग घरों में रहे, इससे फेसबुक का रिवेन्यु बढ़ गया।

इसलिए लेना पड़ा यह फैसला
कंपनी ने अक्टूबर में 2020 के अमेरिकी चुनावों के दौरान ऐसा करने का निर्णय लिया था। यानी अब आपकी टाइम लाइन पर राजनीति पोस्ट न के बराबर दिखेंगी। जुकरबर्ग ने तर्क दिया कि उन्होंने अपनी कम्युनिटी से फीडबैक लिया है। इससे उन्हें मालूम चला कि यूजर्स पॉलिटिकल कंटेंट देखना पसंद नहीं करते। इसलिए फेसबुक अपनी सर्विस में बदलाव कर रहा है। बता दें फेसबुक की आय 22% से बढ़कर करीब 28.07 अरब डॉलर हो गई है। वहीं मंथली यूजर्स बेस 12% से बढ़कर 2.8 अरब के करीब पहुंच गए हैं। फेसबुक में 2020 के अंत तक 58,604 कर्मचारी काम कर रहे थे।

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