Russia Ukraine crisis: उर्जा आपूर्ति में न आए व्यवधान इसके लिए G7 बोला-हम हैं तैयार

गुरुवार तड़के रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने यूक्रेन के पूर्वी डोनबास इलाके में सैन्य कार्रवाई की घोषणा की थी। इसके बाद से यूक्रेन के सैन्य ठिकानों पर रूस लगातार हमले कर रहा है। सैन्य बुनियादी ढांचों, एयर डिफेंस और एयर फोर्स के ठिकानों पर हमले किए जा रहे हैं।

Asianet News Hindi | Published : Feb 24, 2022 5:44 PM IST / Updated: Feb 24 2022, 11:16 PM IST

वाशिंगटन। रूस (Russia) के यूक्रेन (Ukraine) पर हमले के बाद वैश्विक परिदृश्य बदल चुका है। अमेरिका समेत पश्चिमी देश, यूक्रेन के साथ खड़े होकर रूस पर प्रतिबंध लगा रहे हैं। विश्व युद्ध की आहट के साथ ही पश्चिमी देशों में उर्जा संकट की स्थितियां भी उत्पन्न होने की ओर है। पश्चिम देशों को उर्जा आपूर्ति में कोई व्यवधान न आए इसलिए G7 राष्ट्रों ने इसके लिए कार्यवाही व प्लानिंग शुरू कर दी है। 

रूस प्राकृतिक गैस का सबसे बड़ा निर्यातक

दरअसल, रूस प्राकृतिक गैस (Natural Gas) का दुनिया में सबसे बड़ा निर्यातक है। इसके अलावा रूस, सऊदी अरब के बाद दुनिया का दूसरे नंबर का क्रूड ऑयल निर्यातक (crude oil exporter) है। ऐसे में दुनिया के देशों के प्रतिबंध लगाए जाने के बाद उर्जा संकट की स्थितियां भी होगी। सो, इसके लिए अरब देशों पर पश्चिम की निर्भरता बढ़ेगी लेकिन आपूर्ति और मांग में फर्क आने से कई प्रकार के अन्य संकट और विसंगतियों का भी सामना करना पड़ेगा। 

यूक्रेन पर लगातार आक्रामक हो रहा रूस

रूस मिसाइलों से सटीक हमला कर यूक्रेन के सैन्य बुनियादी ढांचों को तबाह कर रहा है। गुरुवार तड़के रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने यूक्रेन के पूर्वी डोनबास इलाके में सैन्य कार्रवाई की घोषणा की थी। इसके बाद से यूक्रेन के सैन्य ठिकानों पर रूस लगातार हमले कर रहा है। सैन्य बुनियादी ढांचों, एयर डिफेंस और एयर फोर्स के ठिकानों पर हमले किए जा रहे हैं। यूक्रेन की राजधानी कीव के अलावा निप्रो और खार्कीव में सेना मुख्यालयों, हवाई पट्टियों और सैन्य वेयरहाउसों पर हमले हुए हैं।

रूस की सेना ने 74 सैन्य ठिकानों पर हमले किए हैं। 30 से अधिक जगहों पर बड़े हमले हुए हैं। राजधानी कीव में रूस की सेना घुस गई है। यूक्रेन के 40 सैनिकों और आम लोगों के मारे जाने की खबर आ रही है। कीव में यूक्रेन का एक फाइटर जेट क्रैश हो गया है। रूस के पैराट्रूपर्स यूक्रेन के महत्वपूर्ण सैन्य ठिकानों के पास हवा से उतर रहे हैं और उनपर कब्जा कर रहे हैं। यूक्रेन ने दावा किया है कि रूस के 50 सैनिक मारे गए हैं।

बता दें कि रूसी सशस्त्र बल दुनिया के सबसे बड़े सैन्य बलों में से एक है। सेना पर खर्च के मामले में रूस दुनिया के शीर्ष पांच देशों में शुमार है। यूक्रेन और रूस की सैन्य क्षमताओं की आमने-सामने की तुलना में रूस लगभग हर पहलू में यूक्रेन से काफी आगे है।

सोमवार को रूस ने दो देशों को दी थी मान्यता

रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने सोमवार को विद्रोहियों के कब्जे वाले यूक्रेन के डोनेट्स्क और लुगांस्क क्षेत्रों की स्वतंत्रता को मान्यता दी थी। इन दोनों को अलग देश के रूप में पुतिन ने मान्यता देते हुए अपने रक्षा मंत्रालय को अलगाववादियों के कब्जे वाले क्षेत्रों में शांति व्यवस्था का कार्य संभालने का निर्देश दिया।

यह है विवाद की वजह

रूस यूक्रेन की नाटो की सदस्यता का विरोध कर रहा है। लेकिन यूक्रेन की समस्या है कि उसे या तो अमेरिका के साथ होना पड़ेगा या फिर सोवियत संघ जैसे पुराने दौर में लौटना होगा। दोनों सेनाओं के बीच 20-45 किमी की दूरी है। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बिडेन पहले ही रूस को चेता चुके हैं कि अगर उसने यूक्रेन पर हमला किया, तो नतीजे गंभीर होंगे। दूसरी तरफ यूक्रेन भी झुकने को तैयार नहीं था। उसके सैनिकों को नाटो की सेनाएं ट्रेनिंग दे रही हैं। अमेरिका को डर है कि अगर रूस से यूक्रेन पर कब्जा कर लिया, तो वो उत्तरी यूरोप की महाशक्ति बनकर उभर आएगा। इससे चीन को शह मिलेगी। यानी वो ताइवान पर कब्जा कर लेगा।

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