
G7 summit in Italy: पीएम नरेंद्र मोदी ने जी7 शिखर सम्मेलन में भाग लेने इटली गए हुए हैं। इस बीच उन्होंने कई वैश्विक नेताओं के साथ द्विपक्षीय वार्ता की। यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमीर ज़ेलेंस्की और पीएम नरेंद्र मोदी के बीच बातचीत भी हुई। प्रधानमंत्री मोदी ने दोहराया कि वह रूस-यूक्रेन युद्ध और विवाद के शांतिपूर्ण समाधान के लिए डायलॉग और डिप्लोमेसी पर यकीन करते हैं। युद्ध किसी भी समस्या का समाधान नहीं है। बातचीत से सबकुछ हल किया जा सकता है।
भारत के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने बताया- दोनों नेताओं ने द्विपक्षीय संबंधों को रिव्यू करने के साथ यूक्रेन के हालात पर चर्चा की। भारत ने दोनों युद्धग्रस्त देशों को शांति का संदेश दिया है। युद्ध से किसी मामले का समाधान संभव नहीं है। दोनों नेता एक दूसरे के साथ गर्मजोशी से गले लगकर एक दूसरे का अभिवादन किया।
समिट के पहले दिन रूस-यूक्रेन संघर्ष हावी
समिट के पहले दिन रूस-यूक्रेन संघर्ष का मुद्दा हावी रहा। जी7 नेताओं ने फ्रीज की हुई रूस की परिसंपत्तियों का उपयोग करके कीव को 50 बिलियन डॉलर के ऋण का समर्थन करने के अमेरिकी प्रस्ताव पर सहमति व्यक्त की। इसे अमेरिकी राष्ट्रपति जो बिडेन ने एक महत्वपूर्ण रिजल्ट बताते हुए रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के लिए एक मजबूत संदेश बताया।
जी7 लीडर्स की मीटिंग में अपने उद्घाटन भाषण में मेलोनी ने कहा कि ग्लोबल साउथ को एक मजबूत संदेश भेजने के लिए दक्षिणी इटली को स्थल के रूप में चुना गया था। यह कोई संयोग नहीं है कि हम अपुलिया में शिखर सम्मेलन की मेजबानी कर रहे हैं। हमने ऐसा इसलिए किया क्योंकि अपुलिया दक्षिणी इटली का एक क्षेत्र है और हम जो संदेश देना चाहते हैं वह यह है कि इतालवी अध्यक्षता के तहत जी7, ग्लोबल साउथ के देशों के साथ अपनी बातचीत को मजबूत करना चाहता है।
यह भी पढ़ें:
अंतरराष्ट्रीय राजनीति, ग्लोबल इकोनॉमी, सुरक्षा मुद्दों, टेक प्रगति और विश्व घटनाओं की गहराई से कवरेज पढ़ें। वैश्विक संबंधों, अंतरराष्ट्रीय बाजार और बड़ी अंतरराष्ट्रीय बैठकों की ताज़ा रिपोर्ट्स के लिए World News in Hindi सेक्शन देखें — दुनिया की हर बड़ी खबर, सबसे पहले और सही तरीके से, सिर्फ Asianet News Hindi पर।