4-20 फरवरी के बीच आयोजित बीजिंग विंटर ओलंपिक ओलंपिक (Beijing Winter Olympics) से जुड़े विवादों में एक नया अध्याय शामिल हो गया है। इस आयोजन को राजनीति से दूर रखने का वादा चीन निभाने में नाकाम रहा है। इस आयोजन का एक मशालची(torchbearer) उस सैन्य अधिकारी को भी बनाया गया, जो गलवान घाटी में भारतीय सैनिकों के साथ हुई हिंसक झड़प में बुरी तरह घायल हुआ था।
वर्ल्ड न्यूज डेस्क.4-20 फरवरी के बीच आयोजित बीजिंग विंटर ओलंपिक ओलंपिक (Beijing Winter Olympics) से जुड़े विवादों में एक नया अध्याय शामिल हो गया है। इस आयोजन को राजनीति से दूर रखने का वादा निभाने में चीन नाकाम रहा है। इस आयोजन यानी विंटर टॉर्च ओलंपिक रिले(Winter Olympics Torch Relay) का एक मशाल वाहक(torchbearer) उस सैन्य अधिकारी को भी बनाया गया, जो गलवान घाटी में भारतीय सैनिकों के साथ हुई हिंसक झड़प में बुरी तरह घायल हुआ था। चीनी मुखपत्र द ग्लोबल टाइम्स(Chinese government mouthpiece, the Global Time) के अनुसार, इसमें पीएलए शिनजियांग मिलिट्री कमांड के रेजिमेंटल कमांडर क्यूई फैबाओ(Chinas PLA regiment commander Lt Col Qi Fabao) ने 4 बार के शॉर्ट ट्रैक स्पीड स्कैटिंग चैम्पियन वांग मेंग(Wang Meng) से टॉर्च ली।
कई महीने अस्पताल में थे फैबाओ
15 जून 2020 की रात को लद्दाख की बर्फीली गलवान नदी के किनारे भारत और चीन के सैनिकों के बीच खूनी झड़प हुई थी। इसमें पीएलए शिनजियांग मिलिट्री कमांड के रेजिमेंटल कमांडर क्यूई फैबाओ(Chinas PLA regiment commander Lt Col Qi Fabao) के सिर में गंभीर चोट पहुंची थी। इसके चलते उन्हें महीनों तक अस्पताल में रहना पड़ा था। माना गया कि इस हिंसक झड़प में चीन के 40 सैनिकों की मौत हुई, लेकिन चीन ने इसका कभी खुलासा नहीं किया।
करीब 1800 मशाल वाहक( torchbearers)
इस आयोजन में करीब 1800 मशाल वाहक हैं। इनमें 1200 शीतकालीन ओलंपिक खेल (Winter Olympic Games) और 600 पैरालंपिक गेम्स (Paralympic Games) के लिए हैं। इनमें सबसे उम्रदराज 86 साल और सबसे कम उम्र का मशालवाहक 14 साल का है। रिले 2 फरवरी से शुरू हुई, जो तीन प्रतियोगिता क्षेत्रों में 4 फरवरी को समाप्त होगी। मशाल यात्रा पिछले साल अक्टूबर में शुरू हुई थी।
विवादों में है विंटर ओलंपिक
बीजिंग विंटर ओलिंपिक का आयोजन 4-20 फरवरी के बीच किया जाएगा। इसके बाद 4-13 मार्च तक पैरालंपिक विंटर गेम्स (Paralympics Winter Games) का आयोजन होगा। चीन द्वारा मानवाधिकार के उल्लंघन के चलते अमेरिका, ब्रिटेन समेत कई पश्चिमी देशों ने बीजिंग विंटर ओलिंपिक का राजनयिक बहिष्कार किया है। ये देश अपने खिलाड़ियों को तो चीन भेज रहे हैं, लेकिन किसी राजनयिक को नहीं। अमेरिका, यूरोपीय संघ और कई पश्चिमी देशों ने शिनजियांग में मानवाधिकारों के उल्लंघन के आरोपों को उजागर करने के लिए अपने राजनयिकों द्वारा इस आयोजन का बहिष्कार करने की घोषणा की है। उनका कहना है कि शिनजियांग में शिविरों में एक लाख से अधिक उइगर मुसलमान कैद हैं। चीन शिनजियांग में बनाए गए शिविरों में मानवाधिकारों के उल्लंघन के आरोप से इनकार करता है। उसका कहना है कि उन्हें पूर्वी तुर्किस्तान इस्लामिक मूवमेंट (ETIM) द्वारा किए गए उग्रवाद और अलगाववाद अभियान से उइगर मुस्लिम आबादी के वर्गों को डी-रेडिकलाइज करने के उद्देश्य से पुन: शिक्षा केंद्र के रूप में चलाया जा रहा है। पिछली बार अमेरिका ने 44 देशों के साथ अफगानिस्तान पर सोवियत आक्रमण के खिलाफ 1980 के मास्को खेलों में खेलों का बहिष्कार किया था। तब चीन भी इसमें शामिल हो गया था।
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