पाकिस्तान अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहा है। अब इमरान सरकार पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (पीओके) में चुनाव कराने जा रही है। बीते दिनों ही पाकिस्तान ने गिलगित-बाल्टिस्तान को अस्थाई प्रांत का दर्जा दिया था। अब वह अवैध कब्जे को कानूनी जामा पहनाने के लिए चुनाव करा रहा है।
इस्लामाबाद. पाकिस्तान अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहा है। इमरान सरकार पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (पीओके) में रविवार को चुनाव कराया। बीते दिनों ही पाकिस्तान ने गिलगित-बाल्टिस्तान को अस्थाई प्रांत का दर्जा दिया था। अब पाक ने अवैध कब्जे को कानूनी जामा पहनाने के लिए वहां चुनाव कराया। हालांकि, भारत ने पाकिस्तान के इस कदम पर विरोध जताया है। भारत ने कहा, पाकिस्तान को इस क्षेत्र में चुनाव कराने का कोई अधिकार नहीं है।
भारत ने पीओके के गिलगित-बाल्टिस्तान में चुनाव को लेकर कड़ा विरोध दर्ज कराया। भारत ने कहा, रणनीतिक तौर पर गिलगित-बाल्टिस्तान क्षेत्र भारत के केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर का हिस्सा है, जिस पर पाकिस्तान ने अवैध रूप से कब्जा किया हुआ है।
पीओके भारत का अभिन्न अंग
विदेश मंत्रालय ने बयान जारी कर कहा, हमने तथाकथित गिलगित-बाल्टिस्तान में 15 नवंबर, 2020 को होने वाले विधानसभा चुनाव की घोषणा के बारे में रिपोर्ट में देखा। हम पाकिस्तान के इस कदम का विरोध जताते हैं। विदेश मंत्रालय ने एक बार फिर साफ कर दिया कि जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के साथ-साथ गिलगित-बाल्टिस्तान का क्षेत्र 1947 से ही भारत का अभिन्न अंग हैं। ऐसे में पाकिस्तान के पास अवैध रूप से कब्जे वाले क्षेत्र में चुनाव कराने का कोई अधिकार नहीं है।
विधानसभा के प्रतिनिधि चुने जाएंगे
गिलगित-बाल्टिस्तान विधानसभा के लिए प्रतिनिधि चुने जाएंगे। पीओके 1947 से ही पाक के कब्जे में है। पाकिस्तान सरकार हमेशा से इस क्षेत्र पर कब्जे की कोशिश में लगी रहती है। उधर, पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने यहां हाल ही में एक जनसभा को संबोधित किया था। इस दौरान उन्होंने इस इलाके को अंतरिम प्रांत का दर्जा देने का एलान किया था।
वहीं, पाकिस्तान की सभी पार्टियां गिलगित-बाल्टिस्तान में चुनाव को देखते हुए प्रचार में जुटी हैं। यहां इमरान खान की पार्टी तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) , पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) और पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज ने भी चुनाव प्रचार किया।
क्षेत्र में पाकिस्तान सरकार के खिलाफ हो रहा प्रदर्शन
माना जा रहा है कि चुनाव के बाद पाकिस्तान सरकार गिलगित-बाल्टिस्तान को एक प्रांत घोषित कर देगा। वहीं, गिलगित-बाल्टिस्तान के लोग भी इस फैसले को लेकर पाकिस्तान सरकार के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं।