
Hajj Pilgrims Deaths Toll: दुनिया भर में इस्लाम धर्म को मानने वाले लोग हज यात्रा के लिए हर साल सऊदी अरब जाते हैं। हालांकि, इस बार गर्मी के मौसम में हज पर जाना मुस्लिमों को भारी पड़ा है। सऊदी अरब सरकार की तरफ से रविवार (23 जून) को जारी आंकड़ों के मुताबिक भीषण गर्मी के दौरान हुई हज यात्रा के दौरान 1,300 से अधिक श्रद्धालुओं की मौत हो गई। हालांकि, सबसे हैरानी वाली बात ये है कि मरने वालों में से अधिकांश के पास आधिकारिक परमिट नहीं था।
आधिकारिक सऊदी प्रेस एजेंसी ने बताया, "अफसोस की बात है कि मरने वालों की संख्या 1,301 तक पहुंच गई, जिनमें से 83 फीसदी लोग हज करने के लिए आधिकारिक दस्तावेज मौजूद नहीं थे और बिना पर्याप्त आश्रय या आराम के सीधी धूप में लंबी दूरी तय कर रहे थे।"आधिकारिक बयानों और राजनयिकों की रिपोर्टों के आधार पर पिछले सप्ताह AFP न्यूज एजेंसी ने मरने वाले यात्रियों की संख्या 1,100 से अधिक बताई थी। मरने वाले हज यात्री अमेरिका से लेकर इंडोनेशिया तक 10 से अधिक देशों से आए थे, और कुछ सरकारें अपने कुल आंकड़ों को जारी रख रही हैं।
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मरने वाले हज यात्रियों में मिस्र के लोग ज्यादा
सऊदी अरब से संबंधित राजनयिकों ने पिछले सप्ताह AFP को बताया कि मरने वाले हज यात्रियों में अकेले सिर्फ मिस्र के 658 लोग है। इनमे से 650 के पास आधिकारिक दस्तावेज भी मौजूद नहीं थे। राजनयिकों ने कहा कि ज्यादातर मामलों में मौत का कारण गर्मी से संबंधित था। सऊदी अरब के राष्ट्रीय मौसम विज्ञान केंद्र के अनुसार, इस साल मक्का में तापमान 51.8 डिग्री सेल्सियस (125 डिग्री फारेनहाइट) तक बढ़ गया। तीर्थयात्रियों की एक बहुत बड़ी भीड़ 15 जून को माउंट अराफात पर आग बरसाती धूप में घंटों खड़े रहे थे। इस दौरान सैकड़ों यात्रियों की मौत गर्मी के वजह से हो गई थी।
रूस में बीते तीन महीने में दूसरा हमला
इजरायली विदेश मंत्रालय ने रूस में यहूदी मंदिर पर हुए हमले पर कहा कि डर्बेंट में आराधनालय को जला दिया गया था और माखचकाला में दूसरे आराधनालय पर गोलियां चलाई गईं थीं।बयान में कहा गया है कि ऐसा माना जाता है कि उस समय आराधनालय में कोई पूजा करने वाला मौजूद नहीं था। रूस में बीते 3 महीने में दूसरा हमला है। इससे पहले मॉस्को के बाहरी इलाके में क्रोकस सिटी हॉल में एक रॉक कॉन्सर्ट में बंदूकधारियों ने गोलीबारी की थी। उस हमले में 133 लोग मारे गए थे। हमले की जिम्मेदारी ISIS ने ली थी।
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