पाकिस्तान को ग्रे से ब्लैक लिस्ट में रखने पर भारत ने दिया जोर, कहा- FATF के निर्देशों की अनदेखी कर रहा पाक

फाइनेंशियल एक्शन टॉस्क फोर्स (एफएटीएफ) की डिजिटल सत्र की बैठक का आज दूसरा दिन है। तीन दिनों की इस बैठक में पाकिस्तान के आतंक के खिलाफ प्रदर्शनों की समीक्षा बैठकें जारी हैं। जानकारों के मुताबिक, पाकिस्तान को पहले की ही तरह अब भी ग्रे लिस्ट में ही रखा जाएगा। हालांकि, पाकिस्तान खुद को इस सूची से निकालने के लिए पूरी कोशिश कर रहा है। इसी को लेकर भारत ने आज अपनी प्रतिक्रिया दी है।

Asianet News Hindi | Published : Oct 22, 2020 4:07 PM IST / Updated: Oct 22 2020, 09:42 PM IST

नई दिल्ली. फाइनेंशियल एक्शन टॉस्क फोर्स (एफएटीएफ) की डिजिटल सत्र की बैठक का आज दूसरा दिन है। तीन दिनों की इस बैठक में पाकिस्तान के आतंक के खिलाफ प्रदर्शनों की समीक्षा बैठकें जारी हैं। जानकारों के मुताबिक, पाकिस्तान को पहले की ही तरह अब भी ग्रे लिस्ट में ही रखा जाएगा। हालांकि, पाकिस्तान खुद को इस सूची से निकालने के लिए पूरी कोशिश कर रहा है। इसी को लेकर भारत ने आज अपनी प्रतिक्रिया दी है।

इसी को लेकर भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने गुरूवार को कहा कि पाकिस्तान ने अपने देश से आतंकियों को खत्म करने की दिशा में एफएटीएफ द्वारा निर्देशित 27 में से सिर्फ 21 कार्ययोजनाओं पर ही कड़े कदमों को उठाया है। उसने अभी भी 6 बड़ी कार्ययोजनाओं पर ध्यान नहीं दिया है। इसके साथ ही अनुराग ने कहा कि पाकिस्तान एफएटीएफ के निर्देशों की अनदेखी कर अपने यहां आतंकियों को अब भी शरण देने का काम कर रहा है। अनुराग के मुताबिक, पाकिस्तान ने यूनाईटेड नेशन्स सुरक्षा परिषद द्वारा घोषित वैश्विक आतंकियों जैसे मसूद अजहर, दाऊद इब्राहिम और जकीरूर रहमान लखवी को गिरफ्तार नहीं किया है। 

पाकिस्तान के रवैये पर नाराजगी जता चुका है FATF

दरअसल, कुछ दिन पहले ही एफएटीएफ ने आतंकवाद के खिलाफ पाकिस्तान के ढीले रवैये पर कड़ी नाराजगी जताई थी। एफएटीएफ के अधिकारियों ने कहा था कि पाकिस्तान आतंक के खिलाफ हमारे 27 कार्ययोजनाओं में से प्रमुख छह योजनाओं को पूरा करने में नाकाम साबित हुआ है। इसमें भारत में वांछित आतंकवादियों मौलाना मसूद अजहर और हाफिज सईद के खिलाफ कार्रवाई न करना भी शामिल हैं।

अमेरिका-फ्रांस समेत ये देश भी पाकिस्तान के खिलाफ

इसके अलावा नामित करने वाले चार देश-अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस और जर्मनी भी पाकिस्तान की सरजमीं से गतिविधियां चला रहे आतंकी संगठनों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की उसकी प्रतिबद्धता से संतुष्ट नहीं हैं। एफएटीएफ ने पाकिस्तान को आतंकवाद के वित्तपोषण को पूरी तरह रोकने के लिए कुल 27 कार्ययोजनाएं पूरी करने की जिम्मेदारी दी थी जिनमें से उसने अभी 21 को पूरा किया है और कुछ काम पूरे नहीं कर सका है।

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