अफगानिस्तान में बांध बना रहा भारत, 20 लाख लोगों को मिलेगा साफ पानी; जानिए पाकिस्तान क्यों कर रहा विरोध

भारत और अफगानिस्तान के बीच रिश्ते नए आयाम तक पहुंच रहे हैं। इसी बीच दोनों देशों के इस रिश्ते को आगे बढ़ाने के लिए भारत अफगानिस्तान में काबुल रिबर बेसिन पर एक डैम (शहतूत डैम) का निर्माण कर रहा है। इसके लिए दोनों देशों के बीच वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए एमओयू भी साइन किया है। 
 

Asianet News Hindi | Published : Feb 10, 2021 8:22 AM IST / Updated: Feb 10 2021, 01:53 PM IST

नई दिल्ली. भारत और अफगानिस्तान के बीच रिश्ते नए आयाम तक पहुंच रहे हैं। इसी बीच दोनों देशों के इस रिश्ते को आगे बढ़ाने के लिए भारत अफगानिस्तान में काबुल रिबर बेसिन पर एक डैम (शहतूत डैम) का निर्माण कर रहा है। इसके लिए दोनों देशों के बीच वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए एमओयू भी साइन किया है। 

विदेश मंत्री एस जयशंकर और अफगान में उनके समकक्ष हनीफ अतमार ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अफगानिस्तान के राष्ट्रपति मोहम्मद अशरफ घनी की मौजूदगी में इस अहम समझौते पर हस्ताक्षर किए। पीएम मोदी और घनी के बीच मंगलवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए वर्चुअल समित भी हुई। 

20 लाख लोगों को मिलेगा फायदा
यह परियोजना भारत और अफगानिस्तान के बीच नई विकास साझेदारी का एक हिस्सा है। लालंदर [शहतूत] बांध काबुल शहर की सुरक्षित पेयजल संबंधी जरूरतों को पूरा करेगा। इससे सिंचाई, जल निकासी नेटवर्क, इलाके में बाढ़ सुरक्षा और प्रबंधन के प्रयासों में भी मदद मिलेगी। इसके अलावा क्षेत्र में बिजली भी प्रदान करेगा। इस बांध से करीब 20 लाख लोगों को लाभ मिलेगा। 

भारत द्वारा अफगान में बनाया गया दूसरा बांध
इससे पहले भारत भारत - अफगानिस्तान मैत्री बांध (सलमा बांध) का उद्धाटन  जून 2016 में किया गया था। इसके बाद यह भारत द्वारा अफगानिस्तान में बनाया गया दूसरा बांध है। अफगानिस्तान के सामाजिक-आर्थिक विकास और दोनों देशों के बीच स्थायी साझेदारी को बढ़ावा देने के लिए भारत हमेशा से मजबूत साझेदार रहा है। 

भारत ने अफगानिस्तान के 34 प्रांतों में 400 से अधिक परियोजनाओं को पूरा किया है। पीएम मोदी समिट के दौरान अफगानिस्तान के बीच सभ्यतागत संबंधों का जिक्र किया। साथ ही उन्होंने अफगानिस्तान के लिए भारत के निरंतर सहयोग का आश्वासन दिया।
 
पाकिस्‍तान इस डैम के खिलाफ 
पाकिस्तान काबुल में बनने वाले शहतूत डैम का विरोध कर रहा है। पाकिस्तान का आरोप है कि इस बांध के बन जाने से पाकिस्तान में पानी की कमी हो जाएगी। दरअसल, काबुल नदी हिंदूकुश पर्वत के संगलाख क्षेत्र से निकलती है और काबुल, सुरबी और जलालाबाद होते हुए खैबर पख्तूनख्वा से पाकिस्‍तान जाती है।

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