भारतीय राजदूत ने कतर में फांसी की सजा पाए नौसेना के 8 पूर्व अधिकारियों से की मुलाकात

कतर की जेल में बंद नौसेना के आठ पूर्व अधिकारियों से भारत के राजदूत ने मुलाकात की है। इन पूर्व अधिकारियों को फांसी की सजा दी गई है। भारत ने इसके खिलाफ अपील की है।

 

Vivek Kumar | Published : Dec 7, 2023 11:57 AM IST / Updated: Dec 07 2023, 05:42 PM IST

नई दिल्ली। कतर में भारत के राजदूत ने मौत की सजा पाने वाले नौसेना के आठ पूर्व अधिकारियों से मुलाकात की है। इन पूर्व अधिकारियों को अक्टूबर में मौत की सजा सुनाई गई थी। भारत सरकार ने गुरुवार को बताया कि रविवार (तीन दिसंबर) को भारत के राजदूत नेवी के पूर्व अधिकारियों से मिले थे।

भारत ने नौसेना के पूर्व अधिकारियों को मिली मौत की सजा के खिलाफ अपील की है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने बताया कि भारत की अपील पर अब तक दो सुनवाई (23 नवंबर और 30 नवंबर को) हो चुकी है। हम मामले पर बारीकी से नजर रख रहे हैं। सभी कानूनी और दूतावास संबंधी सहायता दी जा रही है। यह एक संवेदनशील मुद्दा है, लेकिन हम जो भी कर सकते हैं वह करेंगे।"

जेल में बंद नौसेना के पूर्व अधिकारियों के साथ भारत के राजदूत की मुलाकात को एक सकारात्मक कदम के रूप में देखा गया है। कतर पहले इन तक कांसुलर पहुंच देने को तैयार नहीं था। अब स्थिति में सुधार दिख रही है।

कतर ने लगाया है जासूसी का आरोप
नौसेना के इन आठ पूर्व अधिकारियों पर कतर ने जासूसी का आरोप लगाया है। इन्हें कतर की खुफिया एजेंसी ने पिछले साल अगस्त में गिरफ्तार किया था। दुबई में CoP28 शिखर सम्मेलन के साइड-लाइन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कतर के शासक शेख तमीम बिन हमद अल-थानी के साथ मुलाकात की थी। इसके बाद कतर के रुख में नरमी दिख रही है।

बागची ने कहा, “आपने देखा होगा कि प्रधानमंत्री मोदी ने CoP28 के मौके पर दुबई में कतर के अमीर शेख तमीम निन हमद से मुलाकात की। उनके बीच समग्र द्विपक्षीय संबंधों के साथ ही भारतीय समुदाय की भलाई को लेकर अच्छी बातचीत हुई।” 

पीएम मोदी ने कतर के शासक के सामने उठाया मुद्दा
CoP28 के दौरान कतर के अमीर से पीएम मोदी की क्या बात हुई थी इसके बारे में विस्तृत जानकारी सार्वजनिक नहीं की गई है। ऐसा प्रतीत होता है कि पीएम ने अब इस मामले को सीधे कतर के शासक के समक्ष उठाया है।

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24 नवंबर को कतर की एक कोर्ट ने नौसेना के आठ पूर्व अधिकारियों को मौत की सजा सुनाई थी। इसके बारे में भारत सरकार ने कहा था कि उसे "गहरा झटका" लगा है। गिरफ्तार किए गए पूर्व नौसैनिकों में कमांडर पूर्णेंदु तिवारी, कमांडर सुगुनाकर पकाला, कमांडर अमित नागपाल, कमांडर संजीव गुप्ता, कैप्टन नवतेज सिंह गिल, कैप्टन बीरेंद्र कुमार वर्मा, कैप्टन सौरभ वशिष्ठ और नाविक रागेश गोपकुमार शामिल हैं।

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