अरब सागर में समुद्री लुटेरों ने ईरानी जहाज पर किया कब्जा, भारतीय नौसेना ने कराया मुक्त

भारतीय नौसेना के युद्धपोत आईएनएस सुमित्रा ने समुद्री लुटेरे द्वारा कब्जा किए गए ईरानी जहाज को मुक्त कराया और चालक दल के सदस्यों की जान बचाई।

 

Vivek Kumar | Published : Jan 29, 2024 11:59 AM IST / Updated: Jan 29 2024, 05:33 PM IST

नई दिल्ली। अरब सागर में दिन दिनों सुरक्षा की स्थिति गंभीर है। समुद्री लुटेरे जहाजों पर हमला कर रहे हैं। ऐसे कठिन वक्त में भारतीय नौसेना रक्षक की भूमिका निभा रही है। सोमवार को इंडियन नेवी ने एक ईरानी जहाज को समुद्री लुटेरों से मुक्त कराया और चालक दल की जान बचाई।

ईरान के एक मछली पकड़ने वाले जहाज पर समुद्री लुटेरों ने कब्जा कर लिया था। जहाज से संकटपूर्ण कॉल किया गया था, जिसके जवाब में भारतीय नौसेना ने कार्रवाई की। नौसेना ने अपने युद्धपोत आईएनएस सुमित्रा को तुरंत मदद के लिए भेजा। समुद्री डाकू ईरानी जहाज पर चढ़ गए थे और चालक दल के सदस्यों को बंधक बना लिया था।

आईएनएस सुमित्रा ने समुद्री लुटेरों के खिलाफ की कार्रवाई

आईएनएस सुमित्रा ने चालक दल के सदस्यों की सुरक्षित रिहाई सुनिश्चित की। नौसेना ने बताया कि आईएनएस सुमित्रा ने सोमालिया के पूर्वी तट और अदन की खाड़ी में समुद्री डकैती विरोधी अभियान के तहत यह कार्रवाई की। आईएनएस सुमित्रा ने ईरानी जहाज को रोका और उसके चालक दल के सदस्यों की सुरक्षित रिहाई के लिए समुद्री डाकुओं को मजबूर किया। जहाज के सभी 17 चालक दल के सदस्यों को रिया और जहाज को मुक्त कराया गया।

पिछले सप्ताह आईएनएस विशाखापत्तनम ने की थी जहाज मार्लिन लुआंडा की मदद

बता दें कि यह पहली बार नहीं है जब भारतीय नौसेना ने संकट में फंसे जहाज और उसके चालक दल की मदद की है। पिछले सप्ताह भारतीय नौसेना के व्यापारिक जहाज आईएनएस विशाखापत्तनम ने अदन की खाड़ी में जहाज मार्लिन लुआंडा की संकटपूर्ण कॉल का जवाब दिया था। संदिग्ध ड्रोन हमले के बाद मार्लिन लुआंडा पर आग लग गई थी। आईएनएस विशाखापत्तनम पर तैनात जवानों ने छह घंटे की मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया था। दुनिया भर के विशेषज्ञों ने इसके लिए भारत की तारीफ की थी।

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जनवरी 2024 के पहले सप्ताह में भारतीय नौसेना ने लाइबेरिया के झंडे वाले जहाज एमवी लीला नोरफोक को सोमालिया के समुद्री लुटेरों के कब्जे से मुक्त कराया था। इस जहाज पर 15 भारतीय सवार थे। इंडियन नेवी का युद्धपोत आईएनएस चेन्नई समुद्री लुटेरों द्वारा अगवा किए गए जहाज को बचाने के लिए सोमालिया के तट पर पहुंचा था। इंडियन नेवी के डर से समुद्री लुटेरे जहाज छोड़कर भाग गए थे।

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