सार
जॉर्डन में सीरिया की सीमा पर स्थित अमेरिकी सैन्य अड्डे पर ईरान समर्थित समूह ने ड्रोन हमले किए हैं। इसके चलते तीन अमेरिकी सैनिकों की मौत हुई है और 34 घायल हुए हैं।
वाशिंगटन। इजरायल और हमास के बीच 7 अक्टूबर 2023 से जारी जंग (Israel Hamas war) के बाद पहली बार मध्यपूर्व में अमेरिकी सैनिकों की मौत हुई है। सीरियाई सीमा के पास पूर्वोत्तर जॉर्डन में एक अमेरिकी चौकी पर रात भर हुए ड्रोन हमले में तीन अमेरिकी सैनिक मारे गए। इस हमले के लिए ईरान समर्थित समूह को जिम्मेदार माना जा रहा है। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने हमले का जवाब देने की कसम खाई है। रिपब्लिकन सीनेटरों ने इस घटना को लेकर बाइडेन प्रशासन की आलोचना की और बिना किसी देरी के जवाब देने का आह्वान किया है।
जो बाइडेन ने दक्षिण कैरोलिना में एक चुनाव प्रचार कार्यक्रम में कहा, "एक आखिरी बात मैं बताना चाहता हूं कि हमारा दिन कठिन था। पिछली रात जब हमने अपने एक बेस पर हमले में तीन बहादुर सैनिकों को खो दिया था। मैं एक पल का मौन चाहता हूं। हम जवाब देंगे।" बाइडेन ने हमले के लिए ईरान समर्थित समूहों को दोषी ठहराया। उन्होंने कहा कि अमेरिका उन सभी जिम्मेदार लोगों को जवाब देगा।
रिपब्लिकन सीनेटरों ने कहा- विफल रही है बाइडेन की नीति
रिपब्लिकन सीनेटरों ने कहा कि मध्य पूर्व में ईरानी प्रॉक्सी समूहों के खिलाफ हवाई हमलों की बाइडेन प्रशासन की नीति अब तक विफल रही है। सीनेटर लिंडसे ग्राहम ने कहा कि रक्षा सचिव लॉयड ऑस्टिन क्षेत्र में अमेरिकी सेना के खिलाफ आक्रामकता को रोकने में "बुरी तरह विफल" रहे। अब ईरान पर अटैक किया जाना चाहिए। एक अन्य सीनेटर टिम स्कॉट ने कहा कि ईरान का तुष्टिकरण समाप्त होना चाहिए। यह स्पष्ट और निर्णायक कार्रवाई का समय है।
रक्षा सचिव लॉयड ऑस्टिन ने कहा-जरूरी कार्रवाई करेंगे
रक्षा सचिव लॉयड ऑस्टिन ने कहा कि हम अपने सैनिकों और हितों की रक्षा के लिए सभी आवश्यक कार्रवाई करेंगे। अमेरिकी अधिकारियों ने कहा कि वे हमले के लिए जिम्मेदार समूह की पहचान कर रहे हैं। इस बीच, ईरान समर्थित संगठन इस्लामिक रेसिस्टेंस इन इराक ने जॉर्डन-सीरिया सीमा पर एक सहित तीन ठिकानों पर हमले का दावा किया है।
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बता दें कि जॉर्डन में अमेरिकी सैन्य अड्डे पर हुए हमले में तीन सैनिकों की मौत हुई और 34 घायल हो गए। यह अड्डा सीरिया में अमेरिकी बलों के लिए एक महत्वपूर्ण रसद केंद्र के रूप में काम करता है। इजराइल-हमास युद्ध शुरू होने के बाद से इराक और सीरिया में ईरान समर्थित समूहों द्वारा अमेरिकी सेना पर 150 से अधिक बार हमला किया गया है। यमन के ईरान समर्थित हौथी बलों द्वारा अमेरिकी युद्धपोतों पर भी गोलीबारी की गई है। हौथी विद्रोही यमन के तट से लाल सागर के पानी से गुजरने वाले जहाजों पर हमला कर रहे हैं। अमेरिका और यूके ने हौथी विद्रोहियों के ठिकानों पर हवाई हमले किए हैं।
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