भारत संग मिलकर टैरिफ का तोड़ निकालेगा सिंगापुर, ये हाई लेवल मीटिंग बढ़ सकती है ट्रंप की टेंशन!

Published : Aug 12, 2025, 01:29 PM IST
Indian Foreign Minister Subrahmanyam Jaishankar and Singapore foreign minister Vivian Balakrishnan

सार

India-Singapore Trade: सिंगारपुर और भारत के बीच तीसरी मंत्रीस्तरीय बैठक होने जा रही है, जिसमें कई अहम मुद्दों के साथ-साथ टैरिफ को लेकर भी चर्चा की जाएगी। ऐसे में अमेरिकी राष्ट्रपति डोलान्ड ट्रंप की चिंता बढ़ सकती है।

Singapore India Relation: भारत 13 अगस्त को तीसरे भारत-सिंगापुर मंत्रीस्तरीय गोलमेज सम्मेलन (ISMR) की मेजबानी करने के लिए पूरी तरह से तैयार है। हर साल इस मीटिंग को आयोजित किया जाता है ताकि दोनों देशों के क्षेत्र अलग-अलग स्तर पर मजूबत किया जा सकें। 2022 में पहली मीटिंग दिल्ली में हुई थी। दूसरी मीटिंग 2024 में सिंगापुर में हुई थी और अब तीसरी मीटिंग भारत में फिर से आयोजित की जाने वाली है, जिसमें डिजिटलाइजेशन, कौशल विकास, मेडिकल सेवा, स्थिरता, एडवांस मैनुफेक्चरिंग और कनेक्टिविटी पर चर्चा की जाएगी। इसके जरिए दोनों देशों के संबंध और मजूबत होंगे।

राउंडटेबल कॉन्फ्रेंस में दोनों देशों के मजूबत नेता नजर आने वाले हैं। सिंगापुर का प्रतिनिधित्व उप प्रधान मंत्री और व्यापार और उद्योग मंत्री गण किम योंग; राष्ट्रीय सुरक्षा के समन्वय मंत्री और गृह मंत्री के. शणमुगम ,विदेश मंत्री विवियन बालकृष्णन, डिजिटल विकास और सूचना मंत्री जोसेफिन टीओज, नशक्ति मंत्री और ऊर्जा, विज्ञान और प्रौद्योगिकी प्रभारी मंत्री टैन सी लेंग; और कार्यवाहक परिवहन मंत्री और वित्त राज्य मंत्री जेफरी सिओ करेंगे। वहीं, भारत के प्रतिनिधिमंडल में वित्त और कॉर्पोरेट मामलों की मंत्री निर्मला सीतारमण; विदेश मंत्री एस जयशंकर; वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल; और इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी, रेलवे और सूचना और प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव शामिल होंगे।

इन क्षेत्रों में भारत-सिंगापुर के रिश्ते हुए मजबूत

ये साल भारत और सिंगापुर के कूटनीतिक रिश्तों के लिए भी खास रहने वाला है, जिसे 60 साल पूरे होने वाले हैं। वहीं, देश की रणनीतिक साझेदारी को 10 साल भी पूरे हो रहे हैं। भारत और सिंगापुर ने 2005 में 20 बिलियन का व्यापार किया था, जोकि 2023 में 52.2 बिलियन हो गया। वहीं, भारत के सबसे बड़े विदेशी निवेशक के तौर पर सिंगापुर को देखा जाता है। वहीं, भारत कंपनियों ने भी सिंगापुर में काफी निवेश किया है। दोनों देशों ने पे नाऊ औऱ यूपीआई को जोड़कर रियल-टाइम पेमेंट सिस्टम बनाया। इतना ही नहीं दोनों ने मिलकर चिप मैन्युफैक्चरिंग का काम भी बखूबी किया। ऐसे में उम्मीद है कि इस तीसरी राउडटेबल में भी कुछ ऐसे समझौते होंगे जोकि भारत और सिंगारपुर के रिश्ते को मजबूत करेंगे। साथ ही इस दौरान अमेरिका द्वारा लगाए जा रहे टैरिफ को लेकर भी बातचीत होने की उम्मीद है। साथ ही उससे निपटने के मुद्दे पर भी चर्चा हो सकती है।

 

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