ICC पर रोक लगाने से बुरी तरह फंसा अमेरिका, इन बड़े देशों ने विरोध जताकर तोड़ा घमंड

Published : Aug 21, 2025, 02:01 PM IST
America President Donald Trump

सार

United States sanctions on ICC: अमेरिका द्वारा अंतरराष्ट्रीय आपराधिक न्यायालय पर लगाए गए प्रतिबंध को लेकर विश्वभर में निंदा होती नजर आ रही है। फ्रांस और बेल्जियम ICC का पूरी तरह से समर्थन करते हुए दिखाई दे रहे हैं।

Donald Trump Sanctions on ICC: अमेरिका द्वारा अंतरराष्ट्रीय आपराधिक न्यायालय पर लगाए प्रतिबंध को लेकर काफी ज्यादा बवाल मचा गया है। अमेरिका द्वारा लगाई गई रोक को लेकर अंतरराष्ट्रीय आपराधिक न्यायालय ने कड़ी आलोचना की गई है। ICC का साथ इस मामले में फ्रांस और बेल्जियम साथ देते हुए दिखाई दे रहे हैं। ICC ने अपनी तरफ से बयान जारी करते हुए कहा कि वह अपना काम जारी रखेगा और अपने 125 सदस्य देशों से अपील की कि वे उसे लगातार समर्थन दें ताकि अंतरराष्ट्रीय अपराधों के पीड़ितों को न्याय मिल सकें।

ये भी पढें- टैरिफ युद्ध के बीच चीन का बड़ा ऐलान, भारत की इन तीन बड़ी चुनौतियों का करेगा समाधान

ICC ने अपनी बात में कहा,"ये प्रतिबंध एक निष्पक्ष न्यायिक संस्थान की स्वतंत्रता पर घोर हमला है जो सभी क्षेत्रों के 125 राज्यों के जनादेश के तहत काम करता है। वे न्यायालय के राज्यों, नियम-आधारित अंतर्राष्ट्रीय व्यवस्था और सबसे बढ़कर, दुनिया भर में लाखों निर्दोष पीड़ितों के खिलाफ अपमान का गठन करते हैं।," अमेरिका ने आईसीसी के चार अधिकारियों पर प्रतिबंध लगाएं हैं। उसके अंदर कनाडा की जज किम्बर्ली प्रोस्ट, फ्रांस के जज निकोलस गुइलौ, फिजी की उप अभियोजक नजत शमीम खान, सेनेगल के मामे मंडिये नियांग शामिल हैं। इतना ही नहीं शमीम खान और नियांग को इजरायल के खिलाफ ICC की कार्रवाई जारी रखने के लिए मंजूरी दी जा रही है। फ्रांस ने भी प्रतिबंधों पर नाराजगी व्यक्त की है। फ्रांसीसी न्यायाधीश निकोलस गुइलौ को इस चीज में खासतौर पर निशाना बनाया जा रहा है।

ये भी पढ़ें- भारत-अमेरिका रचेंगे रक्षा साझेदारी का नया आध्याय, अलास्का में किया जाएगा युद्ध अभ्यास

फ्रांस-बेल्जियम ने की अमेरिका की कड़ी निंदा

यूके में फ्रांसीसी दूतावास ने कहा, "फ्रांस संयुक्त राज्य अमेरिका से 6 फरवरी 2025 के राष्ट्रपति के कार्यकारी आदेश के आधार पर अपनाए गए सभी प्रतिबंधों को वापस लेने का आह्वान करता है, जो न्यायिक प्रणाली की स्वतंत्रता के सिद्धांत के विपरीत हैं।" बेल्जियम के उप प्रधानमंत्री और विदेश मंत्री मैकिस्म प्रीवोट ने इस चीज की निंदा करते हुए अपनी राय व्यक्त की। उन्होंने कहा"बेल्जियम एक बार फिर अंतरराष्ट्रीय आपराधिक न्यायालय के न्यायाधीशों और उप अभियोजकों के खिलाफ संयुक्त राज्य अमेरिका द्वारा लगाए गए नए प्रतिबंधों पर गहरा खेद व्यक्त करता है। पिछले प्रतिबंधों की तरह, बेल्जियम ICC, इसकी स्वतंत्रता और इसके कर्मचारियों के लिए अपने अटूट समर्थन की पुष्टि करता है। ICC नियम-आधारित अंतर्राष्ट्रीय व्यवस्था की आधारशिला है, जो सभी महाद्वीपों के 125 राज्यों की ओर से सबसे गंभीर अपराधों के पीड़ितों के लिए न्याय प्रदान करता है... दंड से मुक्ति के खिलाफ लड़ाई में बाधा नहीं डाली जानी चाहिए। न्याय मुक्त रहना चाहिए,"

 

PREV

अंतरराष्ट्रीय राजनीति, ग्लोबल इकोनॉमी, सुरक्षा मुद्दों, टेक प्रगति और विश्व घटनाओं की गहराई से कवरेज पढ़ें। वैश्विक संबंधों, अंतरराष्ट्रीय बाजार और बड़ी अंतरराष्ट्रीय बैठकों की ताज़ा रिपोर्ट्स के लिए World News in Hindi सेक्शन देखें — दुनिया की हर बड़ी खबर, सबसे पहले और सही तरीके से, सिर्फ Asianet News Hindi पर।

Read more Articles on

Recommended Stories

पुतिन अब तक एक बार भी पाकिस्तान क्यों नहीं गए? पाक एक्सपर्ट ने खुद गिनाई वजह
13 लोगों के हत्यारे को पीड़ित के 13 वर्षीय रिश्तेदार ने 80 हजार लोगों के सामने दी फांसी