तो क्या ईरान में जल्द खत्म होगा हिजाब कानून, आखिर क्यों 3 महीने बाद इस पर झुकी ईरान सरकार

तीन महीने पहले ईरान में सुलगी हिजाब विवाद की आग अब भी धधक रही है। हिजाब विवाद के चलते ईरान में पिछले 3 महीनों के दौरान करीब 300 लोगों की जान जा चुकी है। हालांकि, अब हिजाब विवाद को लेकर ईरान की सरकार झुकती नजर आ रही है।

Iran Hijab Row: तीन महीने पहले ईरान में सुलगी हिजाब विवाद की आग अब भी धधक रही है। हिजाब विवाद के चलते ईरान में पिछले 3 महीनों के दौरान करीब 300 लोगों की जान जा चुकी है। हालांकि, अब हिजाब विवाद को लेकर ईरान की सरकार झुकती नजर आ रही है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, ईरान की सरकार अब हिजाब कानून पर विचार करने के लिए राजी हो गई है। 

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, ईरान के अटॉर्नी जनरल ने कहा कि ईरान की संसद और ज्यूडिशरी हिजाब को अनिवार्य बनाने वाले कानून की समीक्षा करने के लिए तैयार हो गए हैं। बता दें कि ईरान में हर एक महिला को हिजाब पहनना और अपना सिर ढंकना जरूरी है। इसी के विरोध में पिछले तीन महीने से वहां के हर एक शहर में विरोध-प्रदर्शन हो रहे हैं। हालांकि, लगतार बढ़ते विरोध को देखते हुए ईरान सरकार हिजाब कानून की समीक्षा करने को तैयार हो गई है। बता दें कि हिजाब विरोधी प्रदर्शन के चलते ईरान में अब तक 300 से ज्यादा मौतें हो चुकी है। 

Latest Videos

क्या है हिजाब विवाद?
ईरान एक शिया बहुल इस्लामिक राष्ट्र है, जहां सख्त धार्मिक कानून लागू है। इसके तहत महिलाओं पर कई तरह के प्रतिबंध हैं। 1979 में हुई इस्लामी क्रांति से पहले ईरान की महिलाएं स्वतंत्र थीं। उन्हें बहुत हद तक बराबरी का दर्जा मिला हुआ था। लेकिन बाद में वहां कट्टर इस्लामिक शरिया कानून लागू कर दिया गया। इसके तहत सार्वजनिक जगहों पर भी लोगों के व्यवहार पर नजर रखी जाती है और इस्लाम के कानूनों के खिलाफ जाने पर लोगों को सख्त से सख्ता सजा दी जाती है। ईरान के शरिया कानून के मुताबिक, महिलाओं को बाल ढंकने और ढीले-ढाले कपड़े पहनने के लिए मना किया जाता है। ऐसा करने पर सजा और जुर्माने का प्रावधान है। 

कौन है महसा अमीनी जो हिजाब आंदोलन में बनीं पोस्टर गर्ल, मौत के बाद आखिर क्यों सुलग उठा ईरान?

ईरान में क्यों भड़का हिजाब विवाद?
13 सितंबर, 2022 को ईरान की राजधानी तेहरान में हिजाब न पहनने की वजह से 20 साल की महसा अमीनी को वहां की मॉरल पुलिस ने हिरासत में लिया था। इस दौरान उनके साथ की गई मारपीट के बाद 16 सितंबर को महसा अमीनी की पुलिस कस्टडी में ही मौत हो गई थी। इसके बाद पूरे ईरान में हिजाब और सख्त पाबंदियों के खिलाफ प्रदर्शन तेज हो गए थे। 

ईरान के 50 से ज्यादा शहर सुलगे : 
ईरान में हिजाब के विरोध में सुलगी आग अब 50 से ज्यादा शहरों में फैल चुकी है। लोग सरकार के खिलाफ हिंसक प्रदर्शन कर रहे हैं। प्रदर्शन कर रही महिलाएं और लड़कियां न तो हिजाब पहनने को तैयार हैं और ना ही बाल ढंकने को। इसके अलावा ये ढीली-ढाली ड्रेस पहनने के तानाशाही फरमान को मानने के मूड में भी नहीं दिख रही हैं।

क्या कहता है शरिया कानून?
- ईरान एक इस्लामिक देश है, जहां शरिया कानून लागू है। ईरान में 7 साल से बड़ी लड़की को बिना हिजाब के घर से बाहर निकलने की मनाही है। 
- इसके साथ ही लड़कियों को 7 साल के बाद लंबे और ढीले कपड़े पहनने पड़ते हैं। ईरान में कोई लड़की सार्वजनिक तौर पर किसी मर्द से हाथ नहीं मिला सकती है। 
- यहां तक कि ईरान की महिलाओं को पुरुष खेलों को देखने के लिए उन्हें स्टेडियम जाने की इजाजत भी नहीं होती। 
- महिलाएं हिजाब पहनें, इसके लिए वहां की सरकार ने मॉरल पुलिस का गठन किया है। यह पुलिस हिजाब के नियम को लागू करवाने के लिए कई बार लोगों पर बेइंतहा जुल्म करती है।

ये भी देखें : 

ईरान: महसा अमीनी के बाद एक और लड़की की हत्या, पुलिस ने 20 साल की नजफी को मारी 6 गोलियां

Share this article
click me!

Latest Videos

Christmas Tradition: लाल कपड़े ही क्यों पहनते हैं सांता क्लॉज? । Santa Claus । 25 December
पहले गई सीरिया की सत्ता, अब पत्नी छोड़ रही Bashar Al Assad का साथ, जानें क्यों है नाराज । Syria News
अब एयरपोर्ट पर लें सस्ती चाय और कॉफी का मजा, राघव चड्ढा ने संसद में उठाया था मुद्दा
राजस्थान में बोरवेल में गिरी 3 साल की मासूम, रेस्क्यू ऑपरेशन जारी । Kotputli Borewell News । Chetna
समंदर किनारे खड़ी थी एक्ट्रेस सोनाक्षी सिन्हा, पति जहीर का कारनामा हो गया वायरल #Shorts