हिजाब के खिलाफ प्रदर्शन में पुलिसिया बर्बरता, माहसा के समर्थन में उतरे 31 प्रदर्शनकारियों ने गंवाई जान

Published : Sep 22, 2022, 08:29 PM ISTUpdated : Sep 22, 2022, 08:38 PM IST
हिजाब के खिलाफ प्रदर्शन में पुलिसिया बर्बरता, माहसा के समर्थन में उतरे 31 प्रदर्शनकारियों ने गंवाई जान

सार

ईरान में माहसा अमीनी की मौत के बाद पूरी दुनिया में ईरान की आलोचना शुरू हो गई। राजधानी तेहरान में सबसे अधिक विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए। महिलाओं ने विरोध दर्ज कराने के लिए अपने बाल कटाने शुरू कर दिए। हिजाब जला कर विरोध जताया। हालांकि, महिला प्रदर्शनकारियों से निपटने के लिए पुलिस ने भी सख्त रवैया अपनाया।

Iran Hijab row: ईरान (Iran) में शुरू हुए हिजाब प्रदर्शन बढ़ता ही जा रहा है। हिजाब न पहनने के बाद पुलिस कस्टडी में एक 22 वर्षीय युवती की मौत के बाद देश के कई शहरों की महिलाएं और लड़कियां हिजाब के खिलाफ प्रदर्शन के लिए सड़कों पर उतर आई हैं। उधर, पुलिस प्रदर्शनकारियों के साथ बर्बर व्यवहार कर रही है। प्रदर्शन के दौरान पुलिसिया बर्बरता से कम से कम 31 लोगों की जान जा चुकी है। ओस्लो की एक एनजीओ ने दावा किया है कि पुलिस की कार्रवाई कम से कम ढाई दर्जन नागरिकों की मौत हो चुकी है। ईरान पुलिस प्रदर्शनकारियों से बेहद उग्र तरीके से निपट रही है।

क्या है पूरा मामला?

ईरान में 22 साल की महिला माहसा अमीनी (Mahsa Amini) को पुलिस ने 13 सितंबर को सिर न ढंकने के आरोप में गिरफ्तार किया था। इस दौरान पुलिस ने उसके साथ अमानवीय व्यवहार करते हुए थर्ड डिग्री टार्चर किया था। पुलिसिया टार्चर से माहसा अमीनी, बुरी तरह घायल हो गई थी और कुछ ही घंटों में वह कोमा में चली गई थी। उसे पुलिस ने अस्पताल में भर्ती कराया। लेकिन 16 सितंबर को अमीनी की मौत हो गई। कुर्दिस्तान के सकेज की रहने वाली अमीनी की मौत ने देश भर की युवतियों और लड़कियों को झिंझोड़ कर रख दिया। गुस्से और आक्रोश में महिलाएं व लड़कियां सड़कों पर प्रदर्शन करने लगीं। इन महिलाओं की मांग थी कि हिजाब को अनिवार्य करने की बजाय वैकल्पिक किया जाए। इस मौत से पूरे ईरान में हिजाब विवाद (Hijab Row) ने तूल पकड़ लिया।

वैश्विक मंचों तक पहुंचा मामला

ईरान में माहसा अमीनी की मौत के बाद पूरी दुनिया में ईरान की आलोचना शुरू हो गई। राजधानी तेहरान में सबसे अधिक विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए। महिलाओं ने विरोध दर्ज कराने के लिए अपने बाल कटाने शुरू कर दिए। हिजाब जला कर विरोध जताया। हालांकि, महिला प्रदर्शनकारियों से निपटने के लिए पुलिस ने भी सख्त रवैया अपनाया। जगह जगह पुलिसिया कार्रवाई में कम से कम 31 लोगों की अभी तक जान जा चुकी है। ओस्लो स्थित एक एनजीओ ने दावा किया है कि ईरान में प्रदर्शन को दबाने और तितरबितर करने के लिए बेहद बर्बर तरीके से कार्रवाई की जा रही है।

31 लोगों की जा चुकी है जान

ईरान ह्यूमन राइट्स ने कहा कि 30 से अधिक शहरों और अन्य जगहों पर विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं। उत्तरी प्रांत कुर्दिस्तान से शुरू हुआ विरोध प्रदर्शन पूरे देश में फैल चुका है। आईएचआर ने बताया कि अभी तक कम से कम 31 लोग पुलिसिया कार्रवाई में मारे जा चुके हैं। मजांदरान प्रांत के अमोल शहर में बुधवार को 11 लोगों की जान चली गई। इसी प्रांत के बाबोल में छह प्रदर्शनकारियों की जान जाने की सूचना है। प्रमुख पूर्वोत्तर शहर तबरीज़ में भी एक प्रदर्शनकारी की मौत पुलिस की कार्रवाई में हुई है। कुर्दिस्तान प्रांत और ईरान के उत्तर के कुर्द-आबादी वाले अन्य क्षेत्रों में बुधवार की रात आठ लोगों सहित 15 लोग मारे गए थे।

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