
ईरान-इजरायल विवाद। ईरान ने बीते 13 अप्रैल को इजरायल पर लगभग 300 मिसाइल और ड्रोन से हमला किया था। इस अटैक में यहूदियों ने अपने मजबूत एयर डिफेंस सिस्टम की मदद से इस्लामिक देश के लगभग 99 फीसदी हमले को बेअसर कर दिया था। अब ईरान को इसका खामियाजा भुगतना पड़ रहा है। इजरायल पर हमला करने के बाद अमेरिका ने इस्लामिक देश पर कई तरह से बैन लगाने पर सहमति जाहिर की थी। इसके बाद अब यूरोपीय संघ (EU) भी ईरान पर बैन लगाने की तैयारी में जुट गया है।
यूरोपीय संघ के प्रमुख चार्ल्स मिशेल ने कहा कि यूरोपीय संघ के नेताओं ने तेहरान के इजरायल पर बीते हफ्ते हमले को लेकर ईरान के ड्रोन और मिसाइल निर्माताओं पर नए प्रतिबंध लगाने पर बुधवार को सहमति व्यक्त की। यूरोपीय परिषद के अध्यक्ष ने ब्रुसेल्स में यूरोपीय संघ शिखर सम्मेलन में कहा, "हमने ईरान के खिलाफ प्रतिबंध लगाने का फैसला किया है, यह एक स्पष्ट संकेत है जिसे हम भेजना चाहते थे।"
उन्होंने कहा कि हम वैसे कंपनियों को टारगेट करेंगे, जिनकी मिसाइल और ड्रोन की जरूरत ईरान को पड़ती है। वैसे भी यूरोपीय संघ ने यूक्रेन में युद्ध के लिए रूस को ड्रोन की सप्लाई को लेकर ईरान पर पहले ही प्रतिबंध लगा दिया है, लेकिन तेहरान और मॉस्को के बीच संबंधों में कटौती पर उनका बहुत कम प्रभाव पड़ा है।
ईरानी हमले पर नेतन्याहू का बयान
ईरान ने इजरायल पर हलिया हमला सीरिया में ईरानी टॉप कमांडर के मौत का बदला लेने के लिए किया। बता दें कि बीते 1 अप्रैल को इजरायली सेना ने सीरिया के राजधानी दमिश्क में ईरानी वाणिज्य दूतावास पर हवाई हमला किया था। इस हमले में ईरान के कई सैनिकों की मौत हो गई थी। इसी हमले पर रिएक्शन देते हुए तेहरान ने हमला किया। इस हमले पर प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने कहा कि उनका देश तय करेगा कि ईरान के हमले का जवाब कैसे दिया जाए क्योंकि वैश्विक शक्तियों ने तनाव से बचने के लिए संयम बरतने का आह्वान किया है।
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