टोक्यो ओलंपिक कराने से जनता में घटी लोकप्रियता के बाद सुगा को छोड़ना पड़ा पद, किशिदा जापान के 100वें पीएम

जापान में कोरोना संक्रमण बढ़ रहा था, उसी समय जापान में टोक्यो ओलंपिक कराया गया। जनता ओलंपिक कराने का विरोध कर रही थी। विरोध के बाद भी टोक्यो ओलंपिक के आयोजन से सरकार और पार्टी की लोकप्रियता काफी घट गई थी जिसका नतीजा यह हुआ कि पार्टी ने सुगा को पद छोड़ना पड़ा। 

टोक्यो। जापान (Japan) में प्रधानमंत्री (Prime Minister) पद के लिए फुमियो किशिदा (Fumio Kishida) ने जीत हासिल कर ली है। वह सत्तारूढ़ लिबरल डेमोक्रेटिक पार्टी (LDP) का नेतृत्व करेंगे। देश के वह 100वें पीएम बनेंगे। किशिदा, वर्तमान पीएम योशीहिदे सुगा (Yoshihide Suga) की जगह लेंगे। सुगा को पीएम बनने के एक साल बाद ही पद छोड़ना पड़ा है। 

सुगा को इसलिए छोड़ना पड़ा पद

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दरअसल, जापान में कोरोना संक्रमण बढ़ रहा था, उसी समय जापान में टोक्यो ओलंपिक (Tokyo Olympic 2020) कराया गया। जनता ओलंपिक कराने का विरोध कर रही थी। जापान के लोगों का कहना था कि ओलंपिक के आयोजन से संक्रमण का खतरा बढ़ेगा। हालांकि, लोगों के विरोध के बावजूद भी सरकार ने ओलंपिक का आयोजन कराया। जनता का विरोध सरकार को भारी पड़ा और जनता में पार्टी की लोकप्रियता को काफी धक्का लगा। बताया जा रहा है कि विरोध के बाद भी टोक्यो ओलंपिक के आयोजन से सरकार और पार्टी की लोकप्रियता काफी घट गई थी जिसका नतीजा यह हुआ कि पार्टी ने सुगा को पद छोड़ना पड़ा। 

पीएम पद की दौड़ में शामिल थे दो चेहरे

पीएम पद के लिए तारो कोनो (Taro Kono) और फुमियो किशिदा दो प्रमुख दावेदार थे। पूर्व विदेश मंत्री किशिदा ने तारो कोनो को हरा दिया। हालांकि, पीएम पद के लिए तारो कोनो सबसे लोकप्रिय चेहरा माना जा रहा था लेकिन उनको हार का सामना करना पड़ा।
हालांकि, संसद में एलडीपी की बहुमत है। ऐसे में पीएम के रूप में किशिदा की स्थिति मजबूत है। किशिदा काफी दिनों से पीएम बनने की दौड़ में रहे हैं, पिछले चुनाव में वह सुगा से हार गए थे।

कौन हैं किशिदा

जापान के पूर्व विदेश मंत्री किशिदा राजनेताओं के परिवार से आते हैं। उन्हें एक उदारवादी-उदार राजनेता के रूप में जाना जाता है, इसलिए उनसे सत्तारूढ़ रूढ़िवादी पार्टी को थोड़ा लेफ्ट की ओर ले जाने की उम्मीद की जाती है। किशिदा को लंबे समय से पार्टी के भीतर इसके भविष्य के नेता के रूप में देखा जाता है। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि कोनो के विपरीत, उन्हें पार्टी के अनुभवी राजनेताओं का समर्थन प्राप्त था।

कोविड की वजह से मंद पड़ी अर्थव्यवस्था को उबारने का वादा

किशिदा ने दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था को कोविड प्रतिबंधों से उबरने में मदद करने के लिए अरबों डॉलर खर्च करने का वादा किया है।
जीत हासिल करने के बाद किशिदा ने कहा कि मेरा कौशल वास्तव में लोगों की बात सुनना है। मैं एक खुले एलडीपी और जापान के उज्ज्वल भविष्य के लिए सभी के साथ प्रयास करने के लिए दृढ़ हूं।
किशिदा पूर्व प्रधान मंत्री शिंजो आबे की आर्थिक नीति के अधिक आलोचक रहे हैं, जिन्हें अबेनॉमिक्स के रूप में जाना जाता है। वह लगातार कहते रहे हैं कि आबे की नीतियों से केवल अमीर ही अमीर होते गए।

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