अभी कुछ दिन पहले ही ब्रिटेन के स्वास्थ्य सचिव मैट हैनॉक का सीसीटीवी फुटेज लीक हुआ था। इसमें वह कोविड प्रोटोकॉल का उल्लंघन करते हुए पाए गए। वह अपने एक सहकर्मी को आफिस में किस करते हुए पाए गए। इस फुटेज के आने के बाद उनकी बहुत किरकिरी हुई और इस्तीफा तक देना पड़ा था।
लंदन। ब्रिटेन में सरकार के विरोध में लिखना घातक हो सकता है. कई देशों में इजरायली पेगासस स्पाईवेयर से जासूसी कराने को लेकर हंगामा मचा हुआ है, वहीं ब्रिटेन ने सीधे-सीधे कानून बनाकर लगाम कसने की रणनीति बना ली है. यहां स्वतंत्र पत्रकारिता का गला घोंटने के लिए ऑफिशियल सीक्रेट एक्ट में बदलाव किया जाएगा। सरकार की निंदा करने वाली स्टोरीज के लिए पत्रकारों को 14 साल तक जेल की सजा हो सकती है। इतना ही नहीं कानून में बदलाव के बाद ऐसे पत्रकारों से विदेशी जासूसों जैसा बर्ताव किया जा सकेगा।
ब्रिटेन की होम सेक्रेटरी प्रीति पटेल के आफिस के हवाले से मीडिया में छपी रिपोर्ट्स के अनुसार यह कानून विदेशी जासूसों पर नकेल कसने के लिए बनाया गया था। इसमें बदलाव के बाद ऐसे पत्रकार भी इसके दायरे में आ जाएंगे जो लीक डॉक्यूमेंट्स को हैंडल करते हैं अर्थात सरकारी फाइलों से सच्चाई निकाल देश-दुनिया के सामने सरकारी नाकामियों को लाने का काम करते हैं।
स्वास्थ्य सचिव का सीसीटीवी फुटेज लीक हुआ था, देना पड़ा इस्तीफा
अभी कुछ दिन पहले ही ब्रिटेन के स्वास्थ्य सचिव मैट हैनॉक का सीसीटीवी फुटेज लीक हुआ था। इसमें वह कोविड प्रोटोकॉल का उल्लंघन करते हुए पाए गए। वह अपने एक सहकर्मी को आफिस में किस करते हुए पाए गए। इस फुटेज के आने के बाद उनकी बहुत किरकिरी हुई और इस्तीफा तक देना पड़ा था।
लेकिन कानून में संशोधन के बाद लीक सीसीटीवी का इस्तेमाल करने या हैंडल करने वाले पत्रकार पर कार्रवाई हो सकती है।
व्हिसल ब्लोअर पर हमला है नया कानून
ब्रिटेन के कई पत्रकार संगठन व समाजिक संगठन इस कानून की आलोचना कर रहे हैं। उनका मानना है कि यह कानून व्हिसलब्लोअर पर हमला है। इससे पत्रकारों को सच लिखने से रोका जाएगा।