
नई दिल्ली. मुंबई हमलों के मास्टरमाइंड में से एक और आतंकवादी संगठन लश्कर के ऑपरेशन कमांडर जकीउर रहमान लखवी को पाकिस्तान में गिरफ्तार किया गया है। पाकिस्तान के मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, ये गिरफ्तारी टेरर फंडिंग के मामले में हुई है। आरोप है कि लखवी कारोबार के नाम पर मिली रकम का इस्तेमाल आतंक फैलाने में करता था।
हाफिज सईद को दिया था मुंबई हमलों का प्लान
मुंबई हमले के मामले में 2015 से जमानत पर चल रहे लखवी को पंजाब प्रांत के आतंकवाद-रोधी विभाग (CTD) ने गिरफ्तार किया था। हालांकि CTD ने गिरफ्तारी के स्थान का खुलासा नहीं किया। कहा जाता है कि लखवी ने ही हाफिज सईद को मुंबई हमलों का पूरा प्लान तैयार करके दिया था। लश्कर-ए-तैयबा के ऑपरेशंस कमांडर लखवी को साल 2008 में मुंबई में हुए हमलों के बाद संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा काउंसिल (यूएनएससी, UNSC) के प्रस्ताव के तहत संयुक्त राष्ट्र के जरिए इंटरनेशनल टैरेरिस्ट के तौर में नामित किया गया था।
भारत ने सितंबर 2019 में यूएपीए के तहत लखवी को आंतकी घोषित कर दिया था। यूएपीए में संशोधन से पहले सिर्फ संगठनों को ही आतंकवादी संगठन घोषित किया जा सकता था। लेकिन अब ऐसा नहीं है। आतंकी गतिविधियों में शामिल किसी भी शख्स को आतंकी घोषित किया जा सकता है।
अचानक लखवी को पाकिस्तान ने गिरफ्तार कैसे कर लिया?
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, पाकिस्तान का यह कदम दिखावा लगता है। इसकी वजह है कि अगले महीने फाइनेंशियल टास्क फोर्स (FATF) की मीटिंग होने वाली है। पाकिस्तान लंबे वक्त से FATF की ग्रे लिस्ट में है। नवंबर में हुई मीटिंग में सरकार की रिपोर्ट से FATF संतुष्ट नहीं था। तब संगठन ने कहा था, सरकार ने अब भी कई शर्तों को पूरा नहीं किया है। टेरर फाइनेंसिंग पर क्या कार्रवाई की घई, इसके सबूत देने होंगे। माना जा रहा है कि लखवी पर कार्रवाई इसी दबाव के चलते की गई।
पाकिस्तान सरकार लखवी को हर महीने देती है डेढ़ लाख रुपए
पाकिस्तान सरकार लखवी को हर महीने डेढ़ लाख रुपए देती है। दरअसल, पाकिस्तान सरकार ने यूनाइटेड नेशन्स सिक्योरिटी काउंसिल से लखवी को मानवीय आधार पर खर्च देने की अपील की थी। यूएनएससी ने इसे मंजूर कर लिया था। सिक्योरिटी काउंसिल ने प्रतिबंधित आतंकियों और आतंकी संगठनों पर कुछ नियम बनाए हैं। अगर वे जेल में हैं तो उन्हें बुनियादी सुविधाओं के लिए खर्च दिया जा सकता है। इमरान सरकार इसी का फायदा उठा रही है।
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