नासा का 'यूरोपा क्लिपर' अंतरिक्ष यान बृहस्पति के चांद यूरोपा पर जीवन की खोज के लिए 14 अक्टूबर को रवाना होगा।
फ्लोरिडा: धरती से परे जीवन की तलाश में, बृहस्पति के चौथे सबसे बड़े चांद यूरोपा की ओर नासा का 'यूरोपा क्लिपर' अंतरिक्ष यान रवाना होने के लिए तैयार है। फ्लोरिडा में आए तूफान मिल्टन के कारण प्रक्षेपण स्थगित होने के बाद, नासा ने बताया है कि क्लिपर 14 अक्टूबर, सोमवार से पहले लॉन्च नहीं होगा। स्पेसएक्स के फाल्कन हेवी रॉकेट से क्लिपर को अंतरिक्ष में भेजा जाएगा। नासा ने क्लिपर मिशन की अंतिम तैयारियों को आगे बढ़ाने का निर्देश दिया है।
धरती के बाहर जीवन की संभावनाओं का पता लगाने के लिए नासा और स्पेसएक्स, 'यूरोपा क्लिपर' मिशन की तैयारी में जुटे हैं। क्लिपर, बृहस्पति के चौथे सबसे बड़े चांद यूरोपा का अध्ययन करेगा। फ्लोरिडा के केनेडी स्पेस सेंटर से इसे लॉन्च किया जाएगा। पहले 10 अक्टूबर को प्रक्षेपण होना था, लेकिन तूफान मिल्टन के कारण खराब मौसम को देखते हुए नासा ने इसे टाल दिया था।
यूरोपा पर जीवन के संकेत ढूंढना क्लिपर का मुख्य लक्ष्य है। वैज्ञानिकों का मानना है कि यूरोपा की बर्फीली सतह के नीचे पानी हो सकता है। 9 आधुनिक उपकरणों से लैस क्लिपर, यूरोपा की सतह का बारीकी से अध्ययन करेगा। थर्मल इमेजिंग, स्पेक्ट्रोमीटर और विभिन्न कैमरों की मदद से, क्लिपर बर्फ के नीचे जीवन की संभावना तलाशेगा। ये उपकरण यूरोपा पर असामान्य गर्मी और रासायनिक गतिविधियों का पता लगाने में मदद करेंगे।
नासा और स्पेसएक्स एक बेहद चुनौतीपूर्ण मिशन पर काम कर रहे हैं। क्लिपर को बृहस्पति की कक्षा में पहुँचने में पाँच साल से ज़्यादा समय लगेगा। 2030 में यूरोपा क्लिपर बृहस्पति की कक्षा में होगा। बास्केटबॉल कोर्ट जितना बड़ा यूरोपा क्लिपर का वजन 6000 किलोग्राम है।