न्यूजीलैंड की संसद के सदस्य के रूप में चुने गए भारतीय मूल के डॉक्टर गौरव शर्मा ने बुधवार को संस्कृत में शपथ लेकर इतिहास रच दिया। 33 साल के गौरव शर्मा मूल रूप से हिमाचल प्रदेश के हमीरपुर जिले के निवासी हैं और उन्होंने हैमिल्टन वेस्ट से लेबर पार्टी के उम्मीदवार के रूप में चुनाव जीता।
नई दिल्ली. न्यूजीलैंड की संसद के सदस्य के रूप में चुने गए भारतीय मूल के डॉक्टर गौरव शर्मा ने बुधवार को संस्कृत में शपथ लेकर इतिहास रच दिया। 33 साल के गौरव शर्मा मूल रूप से हिमाचल प्रदेश के हमीरपुर जिले के निवासी हैं और उन्होंने हैमिल्टन वेस्ट से लेबर पार्टी के उम्मीदवार के रूप में चुनाव जीता।
सबसे पहले शपथ ग्रहण का वीडियो देख लीजिए
Indian origin Kiwi MP Dr Gaurav Sharma takes oath in Sanskrit. And here we are still figuring out its importance? pic.twitter.com/dyvD47j5Ox
न्यूजीलैंड पार्लियामेंट में सबसे कम उम्र के नवनिर्वाचित सांसद डॉक्टर गौरव शर्मा ने न्यूजीलैंड की स्वदेशी माओरी भाषा में पहली शपथ ली, इसके बाद संस्कृत में शपथ ली।
गौरव ने बताया, संस्कृत में क्यों ली शपथ?
संस्कृत में ही क्यों, हिंदी में क्यों शपथ नहीं ली...इस सवाल का जवाब देते हुए डॉक्टर गौरव ने ट्वीट किया, सच कहूं तो मैंने ऐसा सोचा था, लेकिन तब इसे पहाड़ी (मेरी पहली भाषा) या पंजाबी में करने का सवाल था। सभी को खुश रखना मुश्किल है। संस्कृत सभी भारतीय भाषाओं को समाहित करती है।
गौरव पेशे से डॉक्टर हैं, हैमिल्टन वेस्ट से जीते
पेशे से डॉक्टर गौरव शर्मा ने हैमिल्टन वेस्ट से जीत हासिल की। वे लेबर पार्टी के उम्मीदवार थे और नेशनल पार्टी के टिम मैकिन्डो को 4,386 से अधिक मतों से हराया। उन्होंने इससे पहले 2017 में चुनाव लड़ा था।
पिता को 6 साल नौकरी नहीं मिली, लंबा संघर्ष किया
डॉक्टर गौरव शर्मा ने बताया कि वह 1996 में न्यूजीलैंड चले गए। उन्होंने कहा कि उनके पिता को छह साल तक नौकरी नहीं मिली। परिवार एक मुश्किल वक्त से गुजरा है। उन्होंने कहा, मैं समाज सेवा के लिए राजनीति में हूं, क्योंकि मेरा परिवार बहुत कष्टों से गुजरा है। उन्होंने पूछा कि क्या वास्तव में हमें सामाजिक सुरक्षा में मदद मिली, फिर खुद जवाब दिया कि नहीं। बहुत ज्यादा नहीं।