पाकिस्तान बोला-परमाणु संपन्न होने से क्षेत्रीय संतुलन हो सका स्थापित, कश्मीर पर भी बराबरी से बात हो सकेगी

परमाणु परीक्षण के 24वें वर्षगांठ को मनाते हुए पाकिस्तान ने एक बार फिर कश्मीर राग अलापा है। पाकिस्तान ने कहा कि परीक्षण से क्षेत्रीय स्तर पर शक्ति संतुलन स्थापित हुआ और यह संतुलन कश्मीर जैसी समस्या के समाधान में कारगर होगा।

Asianet News Hindi | Published : May 28, 2022 11:22 AM IST / Updated: May 28 2022, 06:29 PM IST

नई दिल्ली। भारत के पोखरण में 24 साल पहले हुए परमाणु परीक्षण के बाद पाकिस्तान में हुए परमाणु परीक्षण को दक्षिण एशियाई क्षेत्र में शक्ति संतुलन स्थापित करने की दिशा में उठाया गया कदम बताया जा रहा है। पाकिस्ताान सेना ने शनिवार को परमाणु परीक्षण की 24वीं वर्षगांठ मनाई और उस दिन को यौम-ए-तकबीर कोडनेम दिया। यौम-ए-तकबीर यानी महानता का दिन कहा गया। पाकिस्तान ने कहा कि परमाणु संपन्न होने के बाद हम क्षेत्रीय संतुलन स्थापित करने में सफल रहे और कश्मीर जैसी समस्याओं पर बातचीत में बराबरी से बात हो सकेगी।

भारत को दिखाने के लिए हुआ था परमाणु परीक्षण

दरअसल, मई 1998 में पोखरण में भारत ने परमाणु परीक्षण किया था। बेहद सफल तरीके से हुए इस परीक्षण में दुनिया को भनक तक नहीं लगी। पांच विस्फोटों के साथ दुनिया को भान हुआ कि भारत में परमाणु संपन्न देशों में शुमार हो गया है। भारत की इस प्रगति पर दुनिया के परमाणु शक्ति से लैस देशों ने प्रतिक्रिया तो दी ही पाकिस्तान भी इससे बेचैन हो उठा था। भारत की देखादेखी पाकिस्तान ने उधार की तकनीक और विशेषज्ञों के सहारे अपने यहां भी परमाणु परीक्षण किया। 

पाकिस्तान ने अपने परीक्षण को बताया शक्ति संतुलन

पाकिस्तान सेना और विदेश कार्यालय दोनों ने 28 मई, 1998 के परमाणु परीक्षण की 24वीं वर्षगांठ पर खुशी जाहिर करते हुए इस दिन को 'यौम-ए-तकबीर' (महानता का दिन) बताया। यह परमाणु परीक्षण का कोडनेम था। पाकिस्तानी सेना ने एक बयान में कहा कि पाकिस्तान ने विश्वसनीय न्यूनतम परमाणु निरोध स्थापित किया है, जिससे क्षेत्र में शक्ति संतुलन बहाल हो गया है। सशस्त्र बल उन सभी के प्रति आभार जताया है जिन्होंने परीक्षण के लिए पूरी मेहनत लगन से काम किया और इसे संभव बनाया। विदेश कार्यालय (एफओ) ने कहा कि परीक्षणों ने न केवल पाकिस्तान की क्षेत्रीय अखंडता, स्वतंत्रता और संप्रभुता की रक्षा के लिए पाकिस्तानी राष्ट्र के संकल्प को प्रदर्शित किया, बल्कि दक्षिण एशिया में रणनीतिक संतुलन बनाए रखने की इच्छा भी प्रदर्शित की। पाकिस्तान दक्षिण एशिया में शांति और स्थिरता के माहौल को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है, जबकि किसी भी रूप में आक्रामकता या दुस्साहस को दूर करने की अपनी क्षमता को बनाए रखता है।

शक्ति संतुलन से ही क्षेत्रीय मुद्दों का निकलेगा हल

पाकिस्तान ने कहा कि दक्षिण एशिया में रणनीतिक स्थिरता के लिए खतरा पाकिस्तान के रणनीतिक संयम व्यवस्था (एसआरआर) के प्रस्ताव के महत्व को रेखांकित करता है जो जम्मू और कश्मीर के मुख्य मुद्दे, परमाणु और मिसाइल प्रतिबंधों सहित अन्य मुद्दों के समाधान के लिए उपाय प्रदान करता है।

परमाणु कार्यक्रमों से देश का हो रहा है विकास

विदेश मंत्रालय ने कहा कि देश के सामाजिक-आर्थिक विकास में पाकिस्तान के परमाणु कार्यक्रमों का विशेष योगदान है। इस साल, कराची में दूसरे 1100 मेगावाट के के -3 परमाणु ऊर्जा संयंत्र का संचालन एक और मील का पत्थर है। इससे सामाजिक-आर्थिक विकास और पाकिस्तान के लोगों के कल्याण का मार्ग प्रशस्त होगा।

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